BSEB CLASS -8 Geography Solutions इकाई 1. 1.4 (घ) ऊर्जा संसाधन
BSEB CLASS -8 Geography Solutions
इकाई 1.
1.4 (घ) ऊर्जा संसाधन
I. बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर
सही विकल्प को चुनें।1. गोंडवाना कालीन चट्टानों में किस खनिज के भंडार मिलते हैं?
(क) पेट्रोलियम
(ख) कोयला
(ग) प्राकृतिक गैस
(घ) सौर ऊर्जा
उत्तर - (ख) कोयला
- मोहपानी – (ङ) कोयला
- रूद्र सागर – (ग) पेट्रोलियम
- फरक्का – (क) ताप विद्युत
- तारापुर – (ख) परमाणु ऊर्जा
- तातापानी – (घ) सौर ऊर्जा
झारखंड - झरिया, बोकारो, धनबाद, गिरीडीह, कर्णपूरा एवं रामगढ़ क्षेत्र,
छत्तीसगढ़ - चिरिमिरी, विश्रामपुर, झिलमिली, कोरबा,
उड़ीसा - तालचर,
पश्चिम बंगाल - रानीगंज,
मध्यप्रदेश - सिंगरौली, सोहागपुर, उमरिया तथा मोहपानी एवं
महाराष्ट्र - चांदा-वर्धा, कांपटी एवं बर्दर।
(ii) भारत के जल विद्युत परियोजना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर - भारत में पहला जलविद्युत का संयंत्र 1887 ई० में असम के दार्जिलिंग में लगाया गया था। इसके बाद देश में बहुद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं द्वारा कई जलविद्युत उत्पादन केन्द्र विकसित किए गए। इनमें भाखड़ा नांगल परियोजना, दामोदर घाटी परियोजना इत्यादि प्रमुख हैं।
(iii) परमाणु ऊर्जा उत्पादक पांच केंद्रों के नाम लिखिए।
उत्तर - परमाणु ऊर्जा उत्पादक पाँच केन्द्र निम्नलिखित हैं -
(i) तारापुर (महाराष्ट्र)
(ii) राणाप्रताप सागर केन्द्र (कोटा राजस्थान)
(iii) कालापक्कम् (तामिलनाडु)
(iv) नरौरा (उत्तर प्रदेश)
(v) ककरापारा (गुजरात)।
उत्तर - संसाधन के संरक्षण हेतु विवेकपूर्ण उपयोग तीन बातों पर निर्भर है -
(1) संसाधनों के निरंतर दोहन पर नियंत्रण,
(2) उनका बचतपूर्वक उपयोग एवं
(3) कच्चे माल के रूप में सस्ते विकल्पों की खोज।
⇒ ऊर्जा केउपरोक्त साधनों को मुख्य रूप से दो वर्गों में रखा गया है - परंपरागत और गैर परंपरागत स्रोत।
उत्तर - भारत में पेट्रोलियम पहली बार 1866 में पता चला तथा 1890 में डिगबोई से पहली बार तेल मिला। इसके बाद 1959 में खंभात के क्षेत्र में और फिर 1975 में मुंबई हाई तेल क्षेत्र का पता चला। भारत में तेल उत्पादन की दृष्टि से असम, अरूणाचल प्रदेश, नागालैंड महत्त्वपूर्ण है। यहाँ डिगबोई, नहरकटिया, हुगड़ीजन, मोरान, रूद्रसागर, निगरू एवं बौरहोल्ला मुख्य तेल उत्पादन केन्द्र हैं। गुजरात राज्य में अंकलेश्वर, कलोल, बलोल, कोसंबा, मेहसाना, बकरोल, नवगाँव इत्यादि मुख्य पेट्रोलियम उत्पादन केन्द्र हैं। महाराष्ट्र राज्य से पश्चिम अरब सागर में मुंबई हाई प्रमुख पेट्रोलियम उत्पादन केन्द्र है। यहाँ समुद्र में सागर सम्राट नामक एक जलमंच बनाया गया है जो तेल खनन का काम करने में मदद करता है। देश के पूर्वीभाग में कृष्णा-गोदावरी तथा कावेरी नदियों के बेसिन में विशेष रूप से नरीमानन एवं कोविलकप्पल में पेट्रोलियम मिले हैं। इसके अलावा पश्चिमी राज्य राजस्थान में बाडमेर बेसिन के मंगला क्षेत्र में पेट्रोलियम मिला है।
(v) ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर - वर्तमान समय में ऊर्जा के ऐसे कई स्रोत खोज लिए गए हैं जिनके भंडार असीमित हैं। ये कभी खत्म नहीं हो सकते हैं । इसलिए इन स्रोतों को अक्षय स्रोत या नवीकरणीय स्रोत कहे जाते हैं। इन स्रोतों में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा एवं जैव ऊर्जा आदि शामिल हैं।
⇒ भारत में प्रतिवर्ग 20 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता है।
⇒ सोलर प्लेटों की सहायता से सूर्य की गर्मी से उत्पन्न की जानेवाली ऊर्जा, सौर ऊर्जा कहलाता है। इसका सबसे बड़ा संयंत्र गुजरात के भुज में लगाया गया है।
⇒ पृथ्वी के अंतर प्रति 32 मीटर की गहराई पर 1°C तापमान की वृद्धि होती जाती है। इस दृष्टि से पृथ्वी के भीतर ऊर्जा या ताप संग्रहित है। इस ऊर्जा को विशेष तकनीक द्वारा पृथ्वी के ऊपर लाकर विद्युत उत्पन्न की जाती है। जिसे भूतापीय ऊर्जा कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश के मणिकरण, लद्दाख के पूगा घाटी तथा मध्य प्रदेश के तातापानी में इसके संयंत्र लगे हैं।
⇒ तेज बहते हुए पवन से ऊर्जा का उत्पादन पवन ऊर्जा कहलाता है। देश के गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक में इसके दोहन की अच्छी संभावनाएं हैं। भारत में पवन ऊर्जा की उत्पादन क्षमता 50 हजार मेगावाट है। गुजरात के लांबा में एशिया का सबसे बड़ा संयंत्र लगाया गया है। तमिलनाडु के तूतीकोरिन में भी पवन-फार्म लगाए गए हैं।
⇒ तटीय भागों में आनेवाले ज्वार से पैदा की जानेवाली ऊर्जा ज्वारीय ऊर्जा है। भारत के तटीय भागों में इसके विकास की असीम संभावनाएँ हैं। अनुमान है कि देश में 8000-9000 मेगावाट संभाव्य ज्वारीय ऊर्जा है। खंभात की खाड़ी इसके लिए सबसे अनुकूल है। कच्छ की खाड़ी और सुंदरवन क्षेत्र में भी ज्वारीय ऊर्जा का उत्पादन की संभावना है।
 
 
 
 
 
 
 
 
 

 
 
 
 
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