BIHAR BOARD CLASS 12 Geography Solutions (हिंदी माध्यम) खण्ड--1 इकाई -1 अध्याय 1 जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि एवं संघटन (Population: Distribution, Density, Growth and Composition)
BIHAR BOARD CLASS 12 Geography Solutions (हिंदी माध्यम)खण्ड--1 इकाई -1 अध्याय 1 जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि एवं संघटन (Population: Distribution, Density, Growth and Composition)
(क) नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए -
1. सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या निम्नलिखित में से कौन-सी है?
(क) 102.8 करोड़
(ख) 318.2 करोड़
(ग) 318.2 करोड़
(घ) 2 करोड़
उत्तर - (क) 102.8 करोड़
2. निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में जनसंख्या का घनत्व सर्वाधिक है?
(क) पश्चिम बंगाल
(ख) उत्तर प्रदेश
(ग) केरल
(घ) पंजाब
उत्तर - (क) पश्चिम बंगाल
3. सन् 2001 की जनगणना के अनुसार निम्नलिखित में से किस राज्य में नगरीय जनसंख्या का अनुपात सर्वाधिक है?
(क) तमिलनाडु
(ख) केरल
(ग) महाराष्ट्र
(घ) गुजरात
उत्तर - (ख) केरल
4. निम्नलिखित में से कौन-सा एक समूह भारत में विशालतम भाषाई समूह है?
(क) चीनी-तिब्बती
(ख) आस्ट्रिक
(ग) भारतीय-आर्य
(घ) द्रविड़
उत्तर - (ग) भारतीय-आर्य
1. सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या निम्नलिखित में से कौन-सी है?
(क) 102.8 करोड़
(ख) 318.2 करोड़
(ग) 318.2 करोड़
(घ) 2 करोड़
उत्तर - (क) 102.8 करोड़
2. निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में जनसंख्या का घनत्व सर्वाधिक है?
(क) पश्चिम बंगाल
(ख) उत्तर प्रदेश
(ग) केरल
(घ) पंजाब
उत्तर - (क) पश्चिम बंगाल
3. सन् 2001 की जनगणना के अनुसार निम्नलिखित में से किस राज्य में नगरीय जनसंख्या का अनुपात सर्वाधिक है?
(क) तमिलनाडु
(ख) केरल
(ग) महाराष्ट्र
(घ) गुजरात
उत्तर - (ख) केरल
4. निम्नलिखित में से कौन-सा एक समूह भारत में विशालतम भाषाई समूह है?
(क) चीनी-तिब्बती
(ख) आस्ट्रिक
(ग) भारतीय-आर्य
(घ) द्रविड़
उत्तर - (ग) भारतीय-आर्य
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।
प्रश्न 1. भारत के अत्यंत ऊष्ण एवं शुष्क तथा अत्यंत शीत व आर्द्र प्रदेशों में जनसंख्या का घनत्व निम्न है। इस कथन के दृष्टिकाण से जनसंख्या के वितरण में जलवायु की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर  - भू: विन्यास और जल की उपलब्धता के साथ जलवायु प्रमुख रूप से जनसंख्या के वितरण के प्रतिरूपों का निर्धारण करती है। परिणामस्वरूप उत्तर भारत के मैदानों, डेल्टाओं और तटीय मैदानों में जनसंख्या का अनुपात दक्षिणी और मध्य भारत के राज्यों के आंतरिक जिलों, हिमालय, उत्तर-पूर्वी और पश्चिमी कुछ राज्यों की अपेक्षा उच्चतर है। यही कारण है कि भारत के अत्यंत ऊष्ण एवं शुष्क तथा अत्यंत शीत व आर्द्र प्रदेशों में जनसंख्या का घनत्व निम्न है।
प्रश्न 2. भारत के किन राज्यों में विशाल ग्रामीण जनसंख्या है? इतनी विशाल ग्रामीण जनसंख्या के लिए उत्तरदायी एक कारण को लिखिए।
उत्तर - बिहार और सिक्किम जैसे राज्यों में ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत बहुत अधिक है। गोआ और महाराष्ट्र राज्यों की कुल जनसंख्या का लगभग आधे से अधिक भाग गाँवों में बसता है। अंतर-राज्य और अंतः राज्य दोनों स्तरों पर नगरीकरण का सापेक्षिक परिमाण और ग्रामीण-नगरीय प्रवास का विस्तार ग्रामीण जनसंख्या के सांद्रण को नियंत्रित करते हैं।
प्रश्न 3. भारत के कुछ राज्यों में अन्य राज्यों की अपेक्षा श्रम सहभागिता ऊँची क्यों है?
उत्तर - भारत जैसे देश के संदर्भ में ऐसा समझा जाता है कि आर्थिक विकास के निम्न स्तरों वाले क्षेत्रों में सहभागिता दर ऊँची है क्योंकि निर्वाह अथवा लगभग निर्वाह की आर्थिक क्रियाओं के निष्पादन के लिए अनेक कामगारों की जरूरत पड़ती है।
प्रश्न 4. “कृषि सेक्टर में भारतीय श्रमिकों का सर्वाधिक अंग संलग्न है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - कुल श्रमजीवी जनसंख्या का लगभग 60 प्रतिशत कृषक और कृषि मजदूर हैं जबकि केवल 4 प्रतिशत श्रमिक घरेलू उद्योगों में लगे हैं और 36 प्रतिशत अन्य श्रमिक हैं जो गैर-घरेलू उद्योगों, व्यापार, वाणिज्य, विनिर्माण और मरम्मत तथा अन्य सेवाओं में कार्यरत हैं।
(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दो।
प्रश्न 1. भारत में जनसंख्या के घनत्व के स्थानिक वितरण की विवेचना कीजिए।
उत्तर - जनसंख्या के घनत्व को प्रति इकाई क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्तियों की संख्या द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। इससे भूमि के संदर्भ में जनसंख्या के स्थानिक वितरण को बेहतर ढंग से समझने में सहायता मिलती है। वर्तमान समय में भारत का जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. (2011) है। 1951 ई में जनसंख्या का घनत्व 117 व्यक्ति/वर्ग किमी. से बढ़कर 2011 में 382 व्यक्ति/प्रतिवर्ग किमी. होने से विगत 50 वर्षों में 265 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. की उत्तरोत्तर वृद्धि हुई हैं।
                   अरुणाचल प्रदेश में कम से कम 17 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. से लेकर दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 11320 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. तक है। उत्तरी भारत के राज्यों में बिहार (1106) और पश्चिम बंगाल (480) में उच्चतर घनत्व पाया जाता है। असम (398), गुजरात (308), आंध्र प्रदेश (308), हरियाणा (573), झारखंड (414), उड़ीसा (270) में मध्यम घनत्व पाया जाता है।
                     हिमाचल प्रदेश  पर्वतीय राज्यों में (123) और असम को छोड़कर भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में अपेक्षाकृत निम्न घनत्व है जबकि अंडमान और निकोबार द्वीपों को छोड़कर केंद्र-शासित प्रदेशों में जनसंख्या के उच्च घनत्व पाए जाते हैं। जनसंख्या का घनत्व एक अशोधित माप है। कुल कृषित भूमि पर जनसंख्या के दबाव के संदर्भ में मानव भूमि अनुपात को बेहतर समझने के लिए कायिक और कृषीय घनत्वों को ज्ञात करना चाहिए जो भारत जैसे विशाल कृषि जनसंख्या वाले देश के लिए सार्थक है।
नोट :- कायिक घनत्व = कुल जनसंख्या/निवल कृषित क्षेत्र।
कृषीय घनत्व = कुल कृषि जनसंख्या/निवल कृषित क्षेत्र। कृषि जनसंख्या में कृषक, कृषि मजदूर और उनके परिवार के सदस्य शामिल होते हैं।
प्रश्न 2. भारत की जनसंख्या के व्यावसायिक संघटन का विवरण दीजिए।
उत्तर - जनसंख्या के व्यावसायिक संघटन - जनसंख्या के  व्यावसायिक संघटन से तात्पर्य किसी भी देश या प्रदेश के कार्यशील जनसंख्या (अर्थात 15 से 59 आयु वर्ग में स्त्री और पुरुष) से है जो कि कृषि, वानिकी, मत्स्यन, विनिर्माण, निर्माण, व्यवसायिक परिवहन, सेवाओं, संचार तथा अन्य अवर्गीकृत सेवाओं जैसे व्यवसायों से जुड़े होते हैं। व्यावसायिक संघटन को मुख्यतः चार भागों में बाँटा जा सकता है :-
(क) प्राथमिक कार्यशील जनसंख्या  – इसके अंतर्गत कृषि, वानिकी, मत्स्यन तथा खनन जैसे कार्यों को रखा जाता है।
(ख) द्वितीयक कार्यशील जनसंख्या – इसके अंतर्गत निर्माण, विनिर्माण से संबंधित कार्य किए जाते हैं। शक्ति उत्पादन से संबंधित क्रिया भी इसी समूह में शामिल है।
(ग) तृतीयक  कार्यशील जनसंख्या – इसके अंतर्गत व्यापार, आयात-निर्यात तथा अन्य कार्य सम्मिलित है।
(घ) चर्तुथक कार्यशील जनसंख्या – अनुसंधान और वैचारिक विकास से जुड़े कार्यों को चतुर्थक कार्यशील जनसंख्या के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
उपरोक्त चार खंडों में कार्यशील जनसंख्या का अनुपात किसी राष्ट्र के आर्थिक विकास के स्तरों का एक अच्छा सूचक है। इसका कारण यह है कि केवल उद्योगों और अवसंरचना से युक्त एक विकसित अर्थव्यवस्था ही द्वितीयक, तृतीयक और चतुर्थक क्षेत्रों में अधिक कर्मियों को समायोजित कर सकती है। यदि अर्थव्यवस्था अभी भी आदिम अवस्था में है तब प्राथमिक क्रियाओं में संलग्न लोगों का अनुपात अधिक होगा क्योंकि इसमें मात्र प्राकृतिक संसाधनों का दोहन होता है।
 
 
 
 
 
 
 
 
 

 
 
 
 
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