जल/WATER,NCERT CHAPTER -5 CLASS7


       NCERT CLASS-7 Geography Solutions

  (हिन्दी माध्यम)
      
       अध्याय-5. जल   
    
        

 
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

(क) वर्षण क्या है ?
उत्तर - सूर्य के ताप के कारण जल वाष्पित हो जाता है और ये जलवाष्प ठंडा होने पर संगठित होकर बादलों का रूप ले लेता है। फिर यहाँ से यह वर्ष, हिम तथा सहिम वृष्टि के रूप में धरती या समुद्र पर नीचे गिरता है, जिसे वर्षण कहा जाता है।

(ख) जल चक्र क्या है ?
उत्तर - जिस प्रक्रम में जल लगातार अपने स्वरूप को बदलता रहता है और झील, नदी, सागर, महासागरों वायुमंडल एवं धरती के बीच चक्कर लगाता रहता है उसे जलचक्र कहते हैं।

(ग) लहरों की ऊँचाई प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं?
उत्तर - लहरों की ऊँचाई प्रभावित करने वाले कारकों में पवन, भूकंप, ज्वालामुखी उद्गार, जल के नीचे भूस्खलन, ज्वार-भाटा इत्यादि है।

(घ) महासागरीय जल की गति को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं ?
उत्तर - महासागरीय जल की गति को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं -
◆ समुद्री जल का तापमान
◆ सागरीय जल की लवणता
◆ सागर में आने वाले ज्वार-भाटा
◆ सागरीय सतह पर लगने वाले वायुदाब
◆ सागरीय जल का घनत्व

(च) ज्वार-भाटा क्या है तथा ये कैसे उत्पन्न होते हैं ?
उत्तर - दिन में दो बार नियम से महासागरीय जल का उठना एवं गिरना ज्वार-भाटा कहलाता है। जब सर्वाधिक ऊँचाई तक उठकर जल, तट के बड़े हिस्से को डुबो देता है, तब उसे ज्वार कहते हैं। जब जल अपने निम्नतम स्तर तक आ जाता है एवं तब से पीछे चला जाता है, तो उसे भाटा कहते हैं।
                      सूर्य एवं चंद्रमा के शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी की सतह पर ज्वार-भाटे आते हैं। जब पृथ्वी का जल चंद्रमा के निकट होता है उस समय चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल से जल अभिकर्षित होता है, जिसके कारण उच्च ज्वार आते हैं। पूर्णिमा एवं अमावस्या के दिनों में सूर्य, चंद्रमा एवं पृथ्वी तीनों एक सीध में होते हैं और इस समय सबसे ऊँचे ज्वार उठते हैं। इस ज्वार को बृहत ज्वार कहते हैं। लेकिन जब चाँद अपने प्रथम एवं अंतिम चतुर्थांश में होता है तो पृथ्वी एवं सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल विपरीत दिशाओं से महासागरीय जल पर पड़ता है परिणामस्वरूप, निम्न ज्वार-भाटा आता है ऐसे ज्वार को लघु ज्वार भाटा करते हैं।

(छ) महासागरीय धाराएँ क्या है ?
उत्तर - महासागरीय धाराएँ, निश्चित दिशा में महासागरीय सतह पर नियमित रूप से बहने वाली जल की धाराएँ होती है। महासागरीय धाराएँ गर्म या ठंडी हो सकती है। सामान्यतः गर्म महासागरीय धाराएँ भूमध्य रेखा के निकट उत्पन्न होती है एवं ध्रुवों की ओर प्रवाहित होती है। ठंडी धाराएँ,  ध्रुवों या उच्च अक्षांशों से उष्णकटिबंधीय निम्न अक्षांश की ओर प्रवाहित होती है।

2. कारण बताइए -

(क) समुद्री जल नमकीन होता है ।
उत्तर - महासागरों एवं समुद्रों का जल लवणीय होता है। क्योंकि इसमें अधिकांश नमक - सोडियम क्लोराइड या खाने में उपयोग किए जाने वाला नमक होता है। 

नोट : ◆ लवणता 1000 ग्राम जल में मौजूद नमक की मात्रा होती है। महासागर की औसत लवणता 35 भाग प्रति हजार ग्राम है।
◆ इजरायल के मृत सागर में 340 ग्राम प्रति लीटर लवणता होती है।

(ख) जल की गुणवत्ता का ह्रास हो रहा है ।
उत्तर - आज कल मनुष्य की क्रियाकलापों के कारण ही  काफी मात्रा में जल प्रदूषित हो रहा है। उद्योगों से निकलने वाले हानिकारक रसायन युक्त जल तथा शहरों से निकलने वाले प्रदूषित जल के विभिन्न जलाशयों में मिलने से जल की गुणवत्ता का निरंतर ह्रास हो रहा है।

3. सही उत्तर चिह्नित कीजिए –

(क) वह प्रक्रम जिस में जल लगातार अपने स्वरुप को बदलता रहता है और महासागर, वायुमंडल एवं स्थल के बीच चक्कर लगाता रहता है ?
(i) जल चक्र
(ii) ज्वार भाटा 
(iii) महासागरीय धाराएँ
उत्तर – (i) जल चक्र

(ख) सामान्यत: गर्म महासागरीय धाराएँ उत्पन्न होती है :
(i) ध्रुव के निकट
(ii) भूमध्य रेखा के निकट
(iii) दोनों में से कोई नहीं
उत्तर – (ii) भूमध्य रेखा के निकट

(ग) दिन में दो बार नियम से महासागरीय जल का उठना एवं गिरना कहलाता है ?
(i) ज्वार-भाटा
(ii) महासागरीय धाराएँ
(iii) तरंगें
उत्तर –(i) ज्वार-भाटा

4. निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़ी बनाइए -
उत्तर 
(क) कैस्पियन सागर -  (i) विशालतम झील

(ख) ज्वार-भाटा -  (ii) जल में आवधिक चढ़ाव एवं उतार

(ग) सुनामी -             (iii) तीव्र भूकंपीय तरंगें
(घ) महासागरीय धाराएँ - (iv) निश्चित मार्ग में प्रवाहित                                                   होने वाली जल-धाराएँ

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