BIHAR BOARD CLASS 12 Geography Solutions (हिंदी माध्यम) खण्ड--1 इकाई -5 अध्याय 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ (Geographical Perspective on Selected Issues and Problems)
BIHAR BOARD CLASS 12 Geography Solutions
(हिंदी माध्यम)
खण्ड--1
इकाई -5
अध्याय 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ
(Geographical Perspective on Selected Issues and Problems)
(क) नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
प्रश्न 1. निम्नलिखित में से सर्वाधिक प्रदूषित नदी कौन-सी है?
(क) ब्रह्मपुत्र
(ख) सतलुज
(ग) यमुना
(घ) गोदावरी
उत्तर - (ग) यमुना
प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन-सा रोग जल जन्य है?
(क) नेत्रश्लेष्मला शोध
(ख) अतिसार
(ग) श्वसन संक्रमण
(घ) श्वासनली शोध
उत्तर - (ख) अतिसार
प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन-सा अम्ल वर्षा का एक कारण है?
(क) जल प्रदूषण
(ख) भूमि प्रदूषण
(ग) शोर प्रदूषण
(घ) वायु प्रदूषण
उत्तर - (घ) वायु प्रदूषण
प्रश्न 4. प्रतिकर्ष और अपकर्ष कारक उत्तरदायी है –
(क) प्रवास के लिए
(ख) भू-निम्नीकरण
(ग) गंदी बस्तियां
(घ) वायु प्रदूषण
उत्तर - (क) प्रवास के लिए
प्रश्न 1. प्रदूषण और प्रदूषकों में क्या भेद है?
उत्तर - प्रदूषण का संबंध उस विभिन्न स्रोतों से निकलने वाले पदार्थ की क्रियाओं से है, जो विकृत होकर परिवेश को प्रदूषित करता है। प्रदूषक ऐसे पदार्थ होते हैं जो कि प्रदूषण फैलाने के लिए उत्तरदायी होते हैं। मुख्यतः प्रदूषक दो प्रकार के होते हैं - जैव निम्नीकृत प्रदूषक और अजैव निम्नीकृत प्रदूषक।
प्रश्न 2. वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों का वर्णन कीजिए।
उत्तर - जीवाश्म ईंधन का दहन, खनन और उद्योग वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं। ये प्रक्रियाएँ वायु में सल्फर एवं नाइट्रोजन के ऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड, सीसा तथा एस्बेस्टोस को निर्मुक्त करती हैं।
प्रश्न 3. भारत में नगरीय अपशिष्ट निपटान से जुड़ी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर - भारत में नगरीय अपशिष्ट निपटान एक गंभीर समस्या है। अधिकांश शहरों में अपशिष्ट का 30 प्रतिशत से 50 प्रतिशत कचरा बिना एकत्र किए छोड़ दिया जाता है। जो गलियों में, घरों के पीछे खुली जगहों पर तथा परती जमीनों पर इकट्ठा हो जाता है जिसके कारण स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम पैदा हो जाते हैं।
प्रश्न 4. मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के क्या प्रभाव पड़ते हैं?
उत्तर - वायु प्रदूषण के कारण श्वसन तंत्रीय, तंत्रिका तंत्रीय तथा रक्त संचार तंत्र संबंधी विभिन्न बीमारियाँ होती हैं। नगरों के ऊपर कुहरा जिसे ‘शहरी धूम्र कुहरा कहा जाता है, मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक सिद्ध होता है।
(ग) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें
प्रश्न 1. भारत में जल प्रदूषण की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
उत्तर - भारत में जल का प्रदूषण प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त प्रदूषकों, उद्योगों, आधुनिक कृषि एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से होता है। इन क्रियाकलापों में उद्योग सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण सहायक है। उत्पादन प्रक्रिया में, उद्योग अनेक अवांछित उत्पाद पैदा करते हैं जिनमें औद्योगिक कचरा, प्रदूषित अपशिष्ट जल, जहरीली गैसें, रासायनिक अवशेष, अनेक भारी धातुएँ, धूल, धुआँ आदि शामिल होता है। अधिकतर औद्योगिक कचरे का बहते जल में अथवा झीलों आदि में विसर्जित कर दिया जाता है। परिणामस्वरूप विषाक्त रासायनिक तत्त्व जलाशयों, नदियों तथा अन्य जल भंडारों में पहुँच जाते हैं जो इन जलों में रहने वाली जैव प्रणाली को नष्ट करते हैं।
सर्वाधिक जल प्रदूषक उद्योग-चमड़ों, लुगदी व कागज, वस्त्र तथा रसायन हैं। आधुनिक कृषि में विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थों का उपयोग होता है जैसे कि अकार्बनिक उर्वरक, कीटनाशक, खरपतवारनाशक आदि भी प्रदूषण उत्पादन करने वाले घटक हैं। इन रसायनों को नदियों, झीलों तथा तालाबों में बहा दिया जाता है। यह सभी रासायन जल के माध्यम से जमीन में सवित होते हुए भू-जल तक पहुँच जाते हैं। उर्वरक धरातलीय जल में नाइट्रेट की मात्रा बढ़ा देते हैं। भारत में तीर्थ यात्राएँ, धार्मिक मेले व पर्यटन आदि जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों भी जल प्रदूषण का कारण हैं। भारत में, धरातलीय जल के लगभग सभी स्रोत संदूषित हो चुके हैं और मानव के उपयोग के योग्य नहीं हैं।
प्रश्न 2. भारत में गंदी बस्तियों की समस्याओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर - भारत में गंदी बस्तियाँ न्यूनतम वांछित आवासीय क्षेत्र होते हैं जहाँ जीर्ण-शीर्ण मकान, स्वास्थ्य की निम्न सुविधाएँ, खुली हवा का अभाव तथा पेयजल, प्रकाश तथा शौच सुविधाओं जैसी आधारभूत आवश्यक चीजों का अभाव पाया जाता है। यह क्षेत्र बहुत ही भीड़-भाड़, सँकरी गलियों तथा आग जैसे गंभीर खतरों के जोखिम से युक्त होते हैं। इसके अतिरिक्त गंदी बस्तियों की अधिकांश जनसंख्या नगरीय अर्थव्यवस्था के असंगठित क्षेत्र में कम-बेतन और अधिक जोखिम भरा कार्य करते हैं। परिणामस्वरूप ये लोग अल्प-पोषित होते हैं और इन्हें विभिन्न रोगों और बीमारियों की संभावना बनी रहती है। ये लोग अपने बच्चों के लिए उचित शिक्षा का खर्च भी वहन नहीं कर सकते। गरीबी उन्हें नशीली दवाओं, शराब, अपराध, गुंडागर्दी, पलायन, उदासीनता और अंततः सामाजिक बहिष्कार के प्रति उन्मुख करती है।
प्रश्न 3. भू-निम्नीकरण को कम करने के उपाय सुझाइए।
उत्तर - भू-निम्नीकरण जल संभरण प्रबंधन कार्यक्रम द्वारा कम किया जा सकता है। जल संभरण प्रबंधन कार्यक्रम भूमि, जल तथा वनस्पतियों के बीच संबद्धता को पहचानता है और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन एवं सामुदायिक सहभागिता से लोगों की आजीविका को सुधारने का प्रयास करता है। मृदा अपरदन, लवणता (जलाक्रांतता) तथा भू-क्षारता से भू-निम्नीकरण होता है। भू-उर्वरकता के अप्रबंधन के साथ इसका अविरल उपयोग होने पर भी भू-निम्नीकरण होगा तथा उत्पादकता में कमी आएगी। अतः हमें मृदा अपरदन, लवणता तथा भू-क्षारता को रोकने के लिए उपाय करने होंगे जिससे भू-निम्नीकरण को रोका जा सकेगा।
 
 
 
 
 
 
 
 
 

 
 
 
 
No comments