NCERT CLASS 12 Geography Solutions हिंदी माध्यम इकाई 3 अध्याय 5 प्राथमिक क्रियाएँ

 NCERT CLASS -12 Geography Solutions

(हिंदी माध्यम)
इकाई -3
अध्याय-5. प्राथमिक क्रियाएँ



1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए :

(i) निम्न में से कौन-सी रोपण फसल नहीं है?
(क) कॉफी
(ख) गन्ना
(ग) गेहूँ
(घ) रबड़
उत्तर - (ग) गेहूँ

(ii) निम्न देशों में से किस देश में सहकारी कृषि का सफल परीक्षण किया गया है?
(क) रूस
(ख) डेनमार्क
(ग) भारत
(घ) नीदरलैंड
उत्तर - (ख) डेनमार्क

(iii) फूलों की कृषि कहलाती है?
(क) ट्रक फार्मिंग
(ख) कारखाना कृषि
(ग) मिश्रित कृषि
(घ) पुष्पोत्पादन
उत्तर - (घ) पुष्पोत्पादन

(iv) निम्न में से कौन-सी कृषि के प्रकार का विकास यूरोपीय औपनिवेशिक समूहों द्वारा किया गया?
(क) कोलखहोज
(ख) अंगूरोत्पादन
(ग) मिश्रित कृषि
(घ) रोपण कृषि
उत्तर - (घ) रोपण कृषि

(v) निम्न प्रदेशों में से किसमें विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि नहीं की जाती है?
(क) अमेरिका एवं कनाडा के प्रेयरी क्षेत्र
(ख) अर्जेंटीना के पंपास क्षेत्र
(ग) यूरोपीय स्टैपीज क्षेत्र
(घ) अमेजन बेसिन
उत्तर - (घ) अमेजन बेसिन

(vi) निम्न में से किस प्रकार की कृषि में खट्टे रसदार फलों की कृषि की जाती है?
(क) बाजारीय सब्जी कृषि
(ख) भूमध्यसागरीय कृषि
(ग) रोपण कृषि
(घ) सहकारी कृषि
उत्तर - (ख) भूमध्यसागरीय कृषि


(vii) निम्न कृषि के प्रकारों में से कौन-सा प्रकार कर्तन-दहन कृषि का प्रकार है?
(क) विस्तृत जीवन निर्वाह कृषि
(ख) आदिकालीन निर्वाहक कृषि
(ग) विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि
(घ) मिश्रित कृषि
उत्तर - (ख) आदिकालीन निर्वाहक कृषि

(viii) निम्न में से कौन-सी एकल कृषि नहीं है?
(क) डेयरी कृषि
(ख) मिश्रित कृषि
(ग) रोपण कृषि
(घ) वाणिज्य अनाज कृषि
उत्तर - (ख) मिश्रित कृषि

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए:

(i) स्थानांतरित कृषि का भविष्य अच्छा नहीं है। विवेचना कीजिए।
उतर - स्थानांतरित कृषि का भविष्य अच्छा नहीं है क्योंकि इस कृषि में एक कृषि भूमि की उर्वरता समाप्त होते ही उसे छोड़ना पड़ता है और दूसरे वन भूमि के टुकड़े की वनस्पति को काट व जलाकर साफ करना पड़ता है। इस प्रकार इस कृषि में भूमि तथा पर्यावरण दोनों को हानि होती है। यही कारण है कि स्थानांतरित कृषि का भविष्य अच्छा नहीं है।

(ii) बाजारीय सब्जी कृषि नगरीय क्षेत्रों के समीप ही क्यों की जाती है?
उत्तर - इस प्रकार की कृषि में अधिक मुद्रा मिलती है इसकी मांग नगरीय क्षेत्रों में अधिक होती है इस कृषि में खेती का आकार छोटा होता है एवं खेत अच्छे यातायात साधनों के द्वारा नगरीय केंद्रों जहां ऊंचाई वाले उपभोक्ता रहते हैं। इसमें गहन श्रम एवं अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि बाजारीय सब्जी कृषि नगरीय क्षेत्रों के समीप की जाती है।

(iii) विस्तृत पैमाने पर डेरी कृषि का विकास यातायात के साधनों एवं प्रशीतकों के विकास के बाद ही क्यों संभव हो सका है?
उत्तर - विस्तृत पैमाने पर डेरी कृषि का विकास यातायात के साधनों एवं प्रशीतकों के विकास के बाद ही संभव हो सका क्योंकि विकसित यातायात के साधन, प्रशीतकों का उपयोग, पास्तेरीकरण की सुविधा के कारण विभिन्न डेयरी उत्पादों को अधिक समय तक रखा जा सकता है।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए।

(i) चलवासी पशुचारण और वाणिज्य पशुधन पालन में अंतर कीजिए।
उत्तर - चलवासी पशुचारण कृषि पशु आधारित जीवन-निर्वाह कृषि है इसमें कृषकों का अस्थायी निवास होता है पशु ही कृषकों कि संम्पत्ति होते है पशुओं के साथ वे एक स्थान से दुसरे स्थान चारागाह एवं पानी की उपलब्धता के लिए स्थान्तरित होते रहते है पशु उत्पाद का उपयोग निजी कार्य के लिए किया जाता है
                           दूसरी ओर, वाणिज्य पशुपालन तुलनात्मक रूप से अधिक व्यवस्थित, स्थायी एवं पूंजी प्रधान कृषि है यह कृषि पश्चिमी संकृति से प्रभावित हैयह एक ऐसी कृषि प्रकार है जिसमें केवल एक ही प्रकार के पशु का पालन वैज्ञानिक ढंग से किया जाता है इन पशुओं से प्राप्त उत्पाद दुग्ध एवं मांस को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भेजा जाता है विश्व स्तर पर अमेरिका, उरुग्वे, अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया एवं न्यूजीलैंड में इस प्रकार की कृषि की जाती है  

(ii) रोपण कृषि की मुख्य विशेषताएँ बतलाइए एवं भिन्न-भिन्न देशों में उगाई जाने वाली कुछ प्रमुख रोपण फसलों के नाम बतालाइए।
उत्तर - रोपण कृषि के मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित है -
◆ इसमें कृषि क्षेत्र का आकार बहुत विस्तृत होता है।
◆ इसमें अधिक पूँजी निवेश की आवश्यकता होती है।
◆ इसमें उच्च प्रबंधन एवं तकनीकी आधार एवं वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया जाता है।
◆यह एक फसली कृषि है जिसमें किसी एक फसल के उत्पादन पर ही सकेंद्रण किया जाता है।
◆इसमें सस्ते श्रमिक एवं यातायात की सुविधा भी आसानी से उपलब्ध हो जाती है।
    
                 यूरोपीय लोगों ने विश्व के अनेक भागों का औपनिवेशीकरण किया तथा कृषि के कुछ अन्य रूपों की शुरुआत की जैसे रोपण कृषि, जो कि वृहद स्तरीय लाभोन्मुख उत्पादन प्रणाली है। यूरोपीय उपनिवेशों ने अपने अधीन उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में चाय, कॉफी, कोको, रबड़, कपास, गन्ना, केले एवं अन्नानास की पौधे लगाई।


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