NCERT CLASS 12 Geography Solutions हिंदी माध्यम इकाई 1 अध्याय 1 मानव भूगोल प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

 NCERT CLASS -12 Geography Solutions

(हिंदी माध्यम)
इकाई -1
अध्याय -1. मानव भूगोल 
प्रकृति एवं विषय क्षेत्र



1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए :

(i) निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक भूगोल का वर्णन नहीं करता ?
(क) समाकलनात्मक अनुशासन
(ख) मानव और पर्यावरण के बीच अंतर-संबंधों का अध्ययन
(ग) द्वैधता पर आश्रित
(घ) प्रौद्योगिकी के विकास के फलस्वरूप आधुनिक समय में प्रासंगिक नहीं ।
उत्तर - (ग) द्वैधता पर आश्रित

(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक भौगोलिक सूचना का स्रोत नहीं है?
(क) यात्रियों के विवरण
(ख) प्राचीन मानचित्र
(ग) चन्द्रमा से चट्टानी पदार्थों के नमूने
(घ) प्राचीन महाकाव्य
उत्तर - (घ) प्राचीन महाकाव्य

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक लोगों और पर्यावरण के बीच अन्योन्यक्रिया का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक है?
(क) मानव बुद्धिमता
(ख) प्रौद्योगिकी
(ग) लोगों के अनुभव
(घ) मानवीय भाईचारा
उत्तर - (ख) प्रौद्योगिकी

(iv) निम्नलिखित में से कौन-सा एक मानव भूगोल का उपागम नहीं है?
(क) क्षेत्रीय विभिन्नता
(ख) मात्रात्मक क्रांति
(ग) स्थानिक संगठन
(घ) अन्वेषण और वर्णन
उत्तर - (ग) स्थानिक संगठन

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए:

(i) मानव भूगोल को परिभाषित कीजिए।
उत्तर - मानव भूगोल, मानव विकास के विभिन्न चरणों में उस पर पड़ने वाले भौगोलिक प्रभाव का आदर्श अध्ययन है। मानव भूगोल, मानव और उसके भौतिक वातावरण के संबंधों का संपूर्ण अध्ययन करता है।

(ii)  मानव भूगोल के कुछ उप-क्षेत्रों के नाम बताइए।
उत्तर - मानव भूगोल के उप-क्षेत्र  निम्नलिखित है –
व्यवहारवादी भूगोल, सामाजिक कल्याण का भूगोल, ऐतिहासिक भूगोल, सांस्कृतिक भूगोल, संसाधन भूगोल, कृषि भूगोल, उद्योग भूगोल, पर्यटन भूगोल, इत्यादि।

(iii) मानव भूगोल किस प्रकार अन्य सामाजिक विज्ञानों से संबंधित है?
उत्तर- मानव भूगोल, मानव जीवन के सभी तत्वों तथा अंतराल, जिसके अंतर्गत वे घटित होते हैं के मध्य संबंध की व्याख्या करने का प्रयत्न करती है। इस प्रकार मानव भूगोल की प्रकृति अत्यधिक अंतर विषयक है। पृथ्वी तल पर पाए जाने वाले मानवीय तत्वों को समझने व उनकी व्याख्या करने के लिए मानव भूगोल अन्य सामाजिक विज्ञानों के सहयोगी विषयों के साथ घनिष्ठ अंतर्संबंध विकसित करती है।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए।

(i) मानव के प्रकृतीकरण की व्याख्या कीजिए।
उत्तर - मनुष्य अपने प्रौद्योगिकी की सहायता से अपने भौतिक पर्यावरण से अन्योन्यक्रिया करता है। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि मानव क्या उत्पन्न और निर्माण करता है बल्कि यह अत्यन्त महत्वपूर्ण है कि 'वह किन उपकरणों और तकनीकों की सहायता से उत्पादन और निर्माण करता है'। 
               प्रौद्योगिकी किसी समाज के सांस्कृतिक विकास के स्तर की सूचक होती है। मानव प्रकृति के नियमों को बेहतर ढंग से समझने के बाद ही प्रौद्योगिकी का विकास कर पाया। जैसे घर्षण और ऊष्मा की संकल्पनाओं ने अग्नि की खोज में हमारी सहायता की। इसी प्रकार डीएनए और अनुवांशिकी के रहस्य की समझ ने हमें अनेक बीमारियों पर विजय पाने के योग्य बनाया। अधिक तीव्र गति से चलने वाले यान विकसित करने के लिए हम वायु गति के नियमों का प्रयोग करते हैं। इस प्रकार प्रकृति का ज्ञान प्रौद्योगिकी को विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण है और प्रौद्योगिकी मनुष्य पर पर्यावरण की बंदिशों को कम करती है। 
                       प्राकृतिक पर्यावरण से अन्योन्यक्रिया की आरंभिक अवस्थाओं में मानव से अधिक प्रभावित हुआ था। उन्होंने प्रकृति के आदेशों के अनुसार अपने आप को ढाल लिया। इसका कारण यह है कि प्रौद्योगिकी का स्तर अत्यंत निम्न था और मानव के सामाजिक विकास की अवस्था भी आदिम थी। आदिम मानव समाज और प्रकृति की प्रबल शक्तियों के बीच इस प्रकार की अन्योन्यक्रिया को पर्यावरणीय निश्चयवाद कहा गया। प्रौद्योगिकी विकास की उस अवस्था में हम प्राकृतिक मानव की कल्पना कर सकते हैं जो प्रकृति को सुनता था उसकी प्रचंडता से भयभीत होता था और उसकी पूजा करता था।

(ii) मानव भूगोल के विषय क्षेत्र पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर  - मानव भूगोल भौतिक अथवा प्राकृतिक एवं मानव जगत के बीच संबंध मानवीय परिघटनाओं का स्थानिक वितरण तथा उनके घटित होने के कारण एवं विश्व के विभिन्न भागों में सामाजिक और आर्थिक विविधताओं का अध्ययन  है। अर्थात मानव एवं भौतिक पर्यावरण के बीच अंतर संबंधों का अध्ययन ही मानव भूगोल कहलाता है।
                  इस प्रकार मानव भूगोल की प्रकृति अत्यधिक अंतर-विषयक है। पृथ्वी तल पर पाए जाने वाले मानवीय तत्वों को समझने व उनकी व्याख्या करने के लिए मानव भूगोल सामाजिक विज्ञानों के सहयोगी विषयों के साथ घनिष्ठ अंतरा पृष्ठ विकसित करती है। ज्ञान के विस्तार के साथ नए क्षेत्रों का विकास होता है और मानव भूगोल के साथ भी ऐसा ही हुआ है। मानव भूगोल के कई क्षेत्र जैसे - सामाजिक भूगोल, नगरीय भूगोल, राजनीतिक भूगोल, जनसंख्या भूगोल, आवास भूगोल, आर्थिक भूगोल इत्यादि है। मानव भूगोल के कई उपक्षेत्र भी है जैसे - व्यवहारिक भूगोल, सामाजिक कल्याण का भूगोल, अवकाश का भूगोल, सांस्कृतिक भूगोल, लिंग भूगोल, ऐतिहासिक भूगोल, चिकित्सा भूगोल, निर्वाचन भूगोल, सैन्य भगोल, संसाधन भूगोल, कृषि भूगोल,  विपणन भूगोल, पर्यटन भूगोल, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का भूगोल इत्यादि।

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