BSEB CLASS -10 Geography Solutions/परिवहन,संचार एवं व्यापार

   

BSEB CLASS -10 Geography Solutions

खण्ड (क)

इकाई-4.  परिवहन, संचार एवं व्यापार



वस्तुनिष्ट प्रश्नोत्तर

1. स्वतंत्रता प्राप्ति के समय देशमें सड़कों की कुल लंबाई कितनी थी ?
(a) 2.42 लाख कि०मी०
(b) 1.46 लाख कि०मी०
(c) 3.88 लाख कि०मी०
(d) 5.78 लाख कि०मी०
उत्तर- (c) 3.88 कि०मी०

2. पक्की सड़कों की लंबाई की दृष्टि से प्रथम स्थान पर कौन राज्य है ?
(a) बिहार
(b) महाराष्ट्र
(c) तमिलनाडु
(d) केरल
उत्तर- (b) महाराष्ट्र

3. निम्नलिखित में से कौन सड़कों का एक वर्ग नहीं है ?
(a) पूरब-पश्चिम गलियारा
(b) एक्सप्रेस वे
(c) स्वर्णिम त्रिभुज राजमार्ग
(d) सीमांत सड़के
उत्तर- (c) स्वर्णिम त्रिभुज राजमार्ग

4. भारत के किन शहरों में मेट्रो रेल सेवा उपलब्ध है ?
(a) कोलकाता एवं दिल्ली
(b) दिल्ली एवं मुम्बई
(c) कोलकाता एवं चेन्नई
(d) दिल्ली एवं बेंगलुरु
उत्तर- वर्तमान समय में उपर्युक्त सभी शहरों में मेट्रो रेल सेवा उपलब्ध है।

5. किस वर्ष इंडियन एयरलाइंस को इंडियन नाम दिया गया?
(a) 2006
(b) 2003
(c) 2008
(d) 2005
उत्तर- (d) 2005

6. भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन किस वर्ष किया गया था ?
(a) 1986
(b) 1988
(c) 1985
(d) 1989
उत्तर- (a) 1986

7. इन्नौर पत्तन किस राज्य में स्थित है ?
(a) गुजरात
(b) गोवा
(c) तमिलनाडु
(d) कर्नाटक
उत्तर- (c) तमिलनाडु

8. भारत को कुल कितने डाक क्षेत्रों में बाँटा गया है ?
(a) 7
(b) 5
(c) 6
(d) 8
उत्तर- (d) 8

9. देश में कितने विशेष आर्थिक क्षेत्र विकसित है?
(a) 10
(b) 7
(c) 15
(d) 5
उत्तर- (b) 7

10. फाल्ट विशेष आर्थिक क्षेत्र कहाँ स्थित है ?
(a) बिहार
(b) प०बंगाल
(c) केरल
(d) उड़ीसा
उत्तर- (b) प०बंगाल

लघु उत्तरीय  प्रश्नोत्तर :

प्रश्न 1.भारत में सड़कों के प्रादेशिक वितरण का वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर- पक्की सड़कों की लंबाई की दृष्टि से महाराष्ट्र को देश में प्रथम स्थान प्राप्त है। यहाँ 2.70 लाख किमी. लंबी पक्की सड़कें हैं। दसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश एवं तीसरे स्थान पर उड़ीसा है। यहाँ क्रमशः 2.47 लाख एवं 2.36 लाख किमी. सड़कें हैं। पक्की सड़कों की सबसे कम लंबाई वाला राज्य लक्षद्वीप है। यहाँ मात्र 01 किलोमीटर लंबी पक्की सड़क है। सड़कों के घनत्व की दृष्टि से केरल प्रथम, गोआ द्विताय और उड़ीसा तृतीय स्थान पर है।
                     उत्तर भारत में सड़कों का सर्वाधिक घनत्व पंजाब में 122 किलोमीटर प्रति 100 वर्ग किलोमीटर है। इसके बाद उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल का स्थान आता है। उत्तर-पूर्वी राज्यों में त्रिपुरा प्रथम एवं नागालैंड दूसरे स्थान पर है। पूरे देश में सड़कों का सर्वाधिक घनत्व दिल्ली में है।

प्रश्न 2. भारतीय रेल परिवहन की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर-भारतीय रेल परिवहन की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है :-
  •  दो  बड़े शहरों एवं महानगरों के बीच तीव्र गति से चलने वाली राजधानी एवं शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है।
  • माल ढुलाई के लिए प्राइवेट कंटेनर एवं वैगन, माल-गाड़ियों में लगाई जा रही है।
  • ट्रेनों की दुर्घटना को रोकने के लिए इंजनों में ए. सी. डी. की व्यवस्था की गयी है।
  • 1 अगस्त, 1947 से रेल मंत्रालय ने रेल यात्री बीमा योजना शुरू की है।
  • कोलकाता एवं दिल्ली में मेट्रो रेल के तहत भूमिगत रेल सेवा दी जा रही है।
  • राजस्थान में शाही रेल गाड़ी ‘पैलेस ऑन व्हील्स’ तथा महाराष्ट्र में डेक्कन ऑडेसी’ रेलगाड़ियाँ चलाई जा रही हैं।
  • पर्वतीय भागों में स्थित पर्यटक स्थलों तक पहुँचने के लिए तथा मनोरंजनपूर्ण यात्रा के लिए नैरो गेज एवं स्पेशल गेज वाली रेलें चलाई जा रही हैं। इनमें शिमला उटी, माउंट आबू, दार्जिलिंग इत्यादि की रेल सेवाएं शामिल हैं।
  • एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की तीसरी बड़ी रेल प्रणाली है।
  • विश्व की सबसे अधिक विद्युतीकृत रेलगाड़ियाँ रूस के बाद भारत में ही चलती हैं।
  • बड़ी मात्रा में रोजगार उपलब्ध कराना ।
  • आरामदायक एवं सस्ता परिवहन ।
प्रश्न 3.भारत के विभिन्न डाक चैनल का संक्षेप में विवरण दीजिए।

उत्तर- (i)राजधानी चैनल- नई दिल्ली से 5 विशेष राज्यों की राजधानीयों के लिए यह डाक सेवा है जिसके लिए पीले रंग की पत्र-पेटियाँ प्रयोग में लाई जाती हैं।

(ii) मेट्रो चैनल- बेंगलूरू, कोलकाता, चेन्नई, दिल्ली, मुम्बई एवं हैदराबाद के लिए यह डाक सेवा है। इसके लिए नीले रंग वाली पत्र-पेटियों का उपयोग करना चाहिए।

(iii) ग्रीन चैनल- स्थानीय पिनकोड अंकित डाक पत्रों को हरे रंग वाली पत्र-पेटी में डाला जाता है।(iv)दस्तावेज चैनल- समाचार पत्रों एवं विभिन्न पत्रिकाओं को भेजने के लिए यह डाक सेवा है ।

(v) भारी चैनल - यह डाक सेवा बड़े व्यावसायिक संगठनों के डाक पत्रों के लिए है।

(vi) व्यापार चैनल -यह डाक सेवा छोटे व्यापारिक संगठनों के डाक पत्रों के लिए उपलब्ध है।

प्रश्न 4.भारत की निर्यात एवं आयात वाली वस्तुओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- निर्यात की जाने वाली वस्तुएँ- इंजीनियरी सामान, पेट्रोलियम उत्पाद, रत्न और आभूषण, रसायन एवं संबद्ध उत्पाद, वस्त्र, कृषि एवं संबंध उत्पाद, अयस्क एवं खनिज इत्यादि।
आयात की जाने वाली वस्तुएं- पेट्रोलियम एवं संबंधित उत्पाद, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, सोना और चाँदी, उर्वरक, रसायन, अलौह धातुएँ एवं अन्य सामान है।

प्रश्न 5. भारत के प्रमुख राष्ट्रीय जलमार्गों के बारे में लिखिए।

उत्तर- भारत के पाँच आंतरिक जलमागों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है। ये जलमार्ग निम्नलिखित हैं-

 (i)राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 1 - यह इलाहाबाद से हल्दिया के बीच 1620 किमी. की लंबाई में है।

(ii) राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 2 - यह सदिया से धुबरी तक 891 किमी. की लम्बाई में ब्रह्मपुत्र नदी में विकसित है। इसका उपयोग भारत और बंगलादेश साझेदारी में करते है।

(iii) राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 3 – कोलम से कोट्टापुरम 205 किमी. लंबा यह जलमार्ग चंपाकारा तथा उद्योगमंडल नहरों सहित पश्चिमी तट नहर में विकसित है। 

(iv) राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 4 - यह गोदावरी कृष्णा नदियों के सहारे 1095 किमी. में फैला है। पुडुचेरी–काकीनाडा नहर के सहारे यह जलमार्ग आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु एवं पुडुचेरी में फैला है।

(v) राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 5 - यह जलमार्ग उड़ीसा राज्य में ईस्ट-कोस्ट कनाल, मताई नदी, ब्राह्मणी नदी एवं महानदी डेल्टा के सहारे 623 किमी. की लंबाई में विकसित की जा रही है।

 दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर :

प्रश्न 1. भारत के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर- भारत के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की निम्नलिखित विशेषताएं है -
  • समुद्र द्वारा अधिक व्यापार होने के कारण इस देश में बन्दरगाहों का महत्व बढ़ता जा रहा है।
  • निर्यात की वस्तुओं की संख्या तथा मात्रा में दिनानुदिन वृद्धि होती जा रही है।
  • निर्यात के साथ-साथ आयात व्यापार भी बढ़ता जा रहा है।
  • कृषि के सामान तथा औद्योगिक उत्पादनों में वृद्धि होने से अनुकूल व्यापार संतुलन की प्रवृत्ति स्पष्ट हो रही है।
  • भारत सोने चांदी और रत्नों का आयातकर उनके आभूषण तैयार करके पुनः निर्यातकर आय प्राप्त करता है ।
  • देश में इंजीनियरिंग वस्तुओं, साइकिल, सिलाई की मशीनें, बिजली के पंखे इत्यादि का उत्पादन बढ़ा है और इन वस्तुओं के निर्यात में वृद्धि हुई है।
  • भारत का विदेशी व्यापार से भारत में प्रति व्यक्ति आय विकसित देशों की तुलना में बहुत कम होती है। भारत में विदेशी व्यापार से प्रति व्यक्ति आय विकसित देशों की तुलना में बहुत कम होती है।
  • भारत का 95% विदेशी व्यापार समुद्री मार्ग द्वारा होता है, केवल नेपाल, बांगलादेश और पाकिस्तान के साथ-स्थल और नदियों के द्वारा व्यापार होता है।
  • भारत का विदेशी व्यापार, व्यापारिक समझौतों के अनुसार होता है।
  • वर्तमान समय में भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सॉफ्टवेयर महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। परिणामस्वरूप, सूचना प्रौद्योगिकी के व्यापार से भी भारत अत्यधिक विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहा है।
  • भारत का विदेशी व्यापार प्रधानतः कोलकाता, मुम्बई, चेन्नई, कोचीन, पाराद्वीप, कांडला तथा विशाखापट्नम बन्दरगाहों से होता है।
  • भारत का अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार विभिन्न नए-नए देशों में बढ़ता जा रहा है और नए-नए बाजार बनते जा रहे हैं।

प्रश्न 2.भारत में पाई जानेवाली विभिन्न प्रकार की सड़कों का विस्तृत विवरण दीजिए।
उत्तर- नागपुर सड़क योजना (1943) के आनुसार भारत के समस्त सड़कों को चार वर्गों में रखा गया है:-
        (i) राष्ट्रीय राजमार्ग/ महामार्ग
       (ii) राज्य राजमार्ग/ प्रांतीय राजमार्ग
       (iii) जिला सड़कें
        (iv) ग्रामीण सड़कें
(i) राष्ट्रीय राजमार्ग/ महामार्ग - ये सड़कें देश के विभिन्न राज्यों की राजधानियां, औद्योगिक नगरों तथा पत्तनों को आपस में जोड़ने का काम करता है। इस दृष्टि से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-7 सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है। वाराणसी, जबलपुर, नागपुर, हैदराबाद, बेंगलुरू एवं मदुरई होते हुए कन्याकुमारी तक इस राजमार्ग की लंबाई 2369 किमी. है।
देश में कुल 228 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई 66590 किमी. है। सड़कों की कुल लंबाई का यह मात्र 2% है जो यातायात के 40% भाग को ढोता है।
(ii) राज्य राजमार्ग/ प्रांतीय राजमार्ग - ये राज्य की राजधानी को विभिन्न जिला मुख्यालयों और प्रमुख शहरों से जोड़ता है। यह राष्ट्रीय राजमार्गों से भी जुड़ी हुई है। देश में ऐसे सड़कों की लम्बाई कुल सड़कों का मात्र 4% है।
(iii) जिला सड़कें - ये जिला मुख्यालय का संपर्क जिले के अन्य महत्वपूर्ण स्थलों, कस्बों और प्रखंड मुख्यालयों से कराती है। देश के कुल सड़कों में इनका हिस्सा 14% है।
(iv) ग्रामीण सड़कें- ग्रामीण क्षेत्रों को परस्पर जोड़ने के कारण ये सड़के काफी महत्वपूर्ण है। इसके अंतर्गत देश की कुल सड़कों का 80% भाग शामिल है। प्रधानमंत्री सड़क योजना के अन्तर्गत इनका विकास किया जा रहा है।
            इसके अतिरिक्त शहरी सड़के एवं विभिन्न योजनाओं के तहत बनी सड़के भी है ।
सीमांत सड़कें- राजनीतिक एवं सामरिक दृष्टि से सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण आवश्यक है। भारत में इन सड़कों का निर्माण एवं रख-रखाव सीमा सड़क संगठन करता है। जिसका गठन 1960 में किया गया था। इन्हीं सड़कों के माध्यम से सीमा पर सैनिकों के लिए आवश्यक सामानों को भेजा जाता है। युद्ध के समय इन सड़कों का महत्व काफी अधिक हो जाती है ।


प्रश्न 3. भारतीय अर्थव्यवस्था में परिवहन एवं संचार साधनों की महता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- परिवहन एवं संचार के साधन किसी भी क्षेत्र या राष्ट्र के समुचित विकास में आधार का कार्य करते हैं। ये साधन उत्पादन एवं उपभोग अथवा माँग एवं आपूर्ति के बीच संबंध स्थापित करते हैं। इसीलिए इन्हें राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा कहा जाता है।

संचार के साधनों का महत्व निम्नलिखित है-

  • बड़ी मात्रा में खाद्यान्नों एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों को आवश्यक स्थानों पर पहुँचाता है।
  • व्यापारिक गतिविधियों की सूचनाओं का आदान प्रदान होता है जिससे व्यापार में सहायता मिलती है।
  • बाढ़, तूफान, आतंकी गतिविधियों से संबंधित जानकारियां लोगों तक पहुँचाने एवं उन्हें इसके प्रति जागरूक अथवा सचेत करने में संचार के साधनों का उल्लेखनीय योगदान है।
  • ये कच्चे माल को निर्माण स्थल पर एकत्र करते हैं।
  • परिष्कृत उत्पादों को देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाते हैं।
  • यह देश की रक्षा में लगी हुई सेनाओं के लिए आहार, गोलाबारूद और अन्य आवश्यक सामानों की आपूर्ति करता है।
प्रश्न 4.  भारत मे पाइपलाइन परिवहन का वर्णन कीजिए ।
उत्तर-  पाइपलाइन का उपयोग मुखयतः नगरों में जल वितरण के लिए किया जाता है । परंतु आजकल यह परिवहन का एक प्रमुख साधन बन गया है । कच्चे पेट्रोलियम तेल तथा प्राकृतिक गैस के परिवहन के लिये यह सुगम, सक्षम एवं सुविधाजनक साधन बन गया है । ठोस पदार्थों का घोल बनाकर भी इसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा सकता है । 
       भारत मे कच्चा तेल परिवहन के लिये पूर्वी तथा उत्तर-पूर्वी भारत और पश्चिमी भारत मे पाइपलाइनें बिछाई गई । 1959 में ऑयल इंडिया लिमिटेड की स्थापना एक निगम के रूप में हुई थी और इसने असम के नहरकटिया तेल क्षेत्र से बरौनी के तेलशोधक कारखाने तक एशिया की पहली सबसे लंबी 1157 किमी० भूमिगत पाइपलाइन का निर्माण किया था । 1986 में इसे बढ़ाकर कानपुर तक ले जाया गया । 
         भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड (गेल) देश में लगभग 4500 किलोमीटर लम्बे गैस पाइपलाइन का संचालन करता है । गुजरात मे हजीरा से उत्तर प्रदेश के जगदीशपुर तक 1730 किलोमीटर लंबा हजीरा-बीजापुर-जगदीशपुर गैस पाइपलाइन है । इसे ही एच०बी०जे० गैस पाइपलाइन कहा जाता है।

             ठोस पदार्थों के परिवहन की दृष्टि से कुद्रेमुख-मंगलौर पाइपलाइन लौह अयस्क के लिये उदयपुर जिला स्थित महन की खानों से देबारी प्रगलक कारखाना तक रॉक फास्फेट सांद्र के परिवहन के लिए पाइपलाइन प्रसिद्ध है ।

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