BSEB CLASS -10 Geography Solutions/(ड़) शक्ति (ऊर्जा) संसाधन

                 

BSEB CLASS - 10 Geography Solutions
खण्ड (क)
इकाई 1 (ड़) शक्ति (ऊर्जा) संसाधन



वस्तुनिष्ठ प्रश्नोतर

1. किस राज्य में खनिज तेल का विशाल भंडार है ?
(a) असम
(b) राजस्थान
(c) बिहार
(d) तमिलनाडु
उत्तर- (a) असम

2. भारत के किस स्थान पर पहला परमाणु ऊर्जा केंद्र स्थापित किया गया था?
(a) कलपक्कम
(b) नरौरा
(c) राणाप्रताप सागर
(d) तारापुर
उत्तर- (d) तारापुर

3. कौन सा ऊर्जा स्रोत अनवीकरणीय है ?
(a) जल
(b) सौर
(c) कोयला
(d) पवन
उत्तर- (c) कोयला

4. प्राथमिक ऊर्जा का उदाहरण नहीं है ?
(a) कोयला
(b) विद्युत
(c) पेट्रोलियम।
(d) प्राकृतिक गैस
उत्तर- (b) विद्युत

5. ऊर्जा का गैर-पारम्परिक स्रोत है ।
(a) कोयला
(b) विद्युत
(c) पेट्रोलियम।
(d) सौर-ऊर्जा

उत्तर- (d) सौर-ऊर्जा6. गोंडवाना समूह के कोयले का निर्माण हुआ था।
(a) 20 करोड़ वर्ष पूर्व
(b) 20 लाख वर्ष पूर्व
(c) 20 हजार वर्ष पूर्व
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (a) 20 करोड़ वर्ष पूर्व

7. भारत में कोयले का सर्वप्रमुख उतपादक राज्य है:
(a) पश्चिम बंगाल
(b) झारखण्ड
(c) उड़ीसा
(d) छत्तीसगढ़
उत्तर- (b) झारखण्ड

8. सर्वोत्तम कोयले का प्रकार कौन-सा है ?
(a) एंथ्रासाइट
(b) पीट
(c) लिग्नाइट
(d) बिटुमिनस
उत्तर- (a) एंथ्रासाइट

9. मुम्बई हाई क्यों प्रसिद्ध है ?
(a) कोयले के निर्यात हेतु
(b) तेल शोधक कारखाना हेतु
(c) खनिज तेल हेतु
(d) परमाणु शक्ति हेतु
उत्तर- (c) खनिज तेल हेतु

10. भारत का प्रथम तेल शोधक कारखाना कहाँ स्थित है?
(a) मधुरा
(b) बरौनी
(c) डिगबोई
(d) गुवाहाटी
उत्तर- (c) डिगबोई

11. प्राकृतिक गैस किस खनिज के साथ पाया जाता है ?
(a) यूरेनियम
(b) पेट्रोलियम
(c) चुना पत्थर
(d) कोयला
उत्तर- (b) पेट्रोलियम

12. भाखड़ा नंगल परियोजना किस नदी पर अवस्थित है?
(a) नर्मदा
(b) झेलम
(c) सतलज
(d) व्यास
उत्तर- (c) सतलज

13. दक्षिण भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना है?
(a) तुंगभद्रा
(b) शारावती
(c) चंबल
(d) हीराकुण्ड
उत्तर- (a) तुंगभद्रा

14. ताप विद्युतकेंद्र का उदाहरण है ?
(a) गया
(b) बरौनी
(c) समस्तीपुर
(d) कटिहार
उत्तर- (d) बरौनी

15. यूरेनियम का प्रमुख उतपादक स्थल है :
(a) डिगबोई
(b) झरिया
(c) घाटशिला
(d) जादूगोड़ा
उत्तर- (d) जादूगोड़ा

16. एशिया सबसे बड़ा परमाणु विद्युत गृह है :
(a) तारापुर
(b) कलपक्कम
(c) नरौरा
(d) कैगा
उत्तर- (a) तारापुर

17. भारत के किस राज्य में सौर-ऊर्जा के विकास की सर्वाधिक संभावनाएं हैं ?
(a) असम
(b) अरुणाचल प्रदेश
(c) राजस्थान
(d) मेघालय
उत्तर - (c) राजस्थान

18. ज्वारीय एवं तरंग ऊर्जा उत्पादन हेतु भारत के सर्वाधिक अनुकूल परिस्थितियां कहाँ पायी जाती है ?
(a) मन्नार की खाड़ी में
(b) खम्भात की खाड़ी में
(c) गंगा नदी में
(d) कोसी नदी में
उत्तर- (b) खम्भात की खाड़ी में

लघु उत्तरीय  प्रश्नोत्तर :

प्रश्न 1.पारम्परिक एवं गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों के तीन-तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर- पारम्परिक ऊर्जा स्रोत - कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, लकड़ी इत्यादि।
गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोत– बायो गैस, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा ।

प्रश्न 2. गोण्डवाना समूह के कोयला क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर- गोण्डवाना समूह के कोयला क्षेत्र-  

(i) दामोदर घाटी

 (ii) सोन घाटी 

(iii) महानदी घाटी 

(iv) वर्धा-गोदावरी घाटी।

प्रश्न 3. झारखण्ड राज्य के मुख्य कोयला उत्पादक क्षेत्रों के नाम अंकित कीजिए।

उत्तर-   झारखण्ड राज्य के मुख्य कोयला उत्पादक क्षेत्रों के नामझरिया, बोकारो, गिरीडीह, कर्णपुरा, रामगढ़।

प्रश्न 4. कोयले के विभिन्न प्रकारों के नाम लिखिए।

उत्तर-   कोयले के विभिन्न प्रकारों के नाम  -

 (i) ऐंथासाइट 

(ii) बिटुमिनस 

(iii) लिग्नाइट 

(iv) पीट।

प्रश्न 5. पेट्रोलियम से किन-किन वस्तुओं का निर्माण होता है ?
उत्तर-  पेट्रोलियम से  गैसोलीन, डीजल, किरासन, तेल, स्नेहक, कीटनाशक दवाएँ, पेट्रोल, साबुन, कृत्रिम रेशा, प्लास्टिक इत्यादि वस्तुओं का निर्माण होता है ।

प्रश्न 6. सागर सम्राट क्या है ?
उत्तर- यह मुम्बई तट से 176 किलोमीटर दूर स्थित एक जलयान है जो पानी के भीतर तेल के कुएँ खोदने का कार्य करता है।

प्रश्न 7. किन्हीं चार तेल शोधक कारखाने का स्थान निर्दिष्ट कीजिए।
उत्तर- असम का डिग्बोई, मुम्बई का तारापुर, बिहार का बरौनी, उत्तर प्रदेश का मथुरा।

प्रश्न 8. जल विद्युत उत्पादन के कौर-कौन से मुख्य कारक हैं ?
उत्तर- जल विद्युत उत्पादन के निम्नलिखित कारण है :- 
   भौतिक दशाएँ  -  
  •  सदावाहिनी नदी में प्रचुर जल की राशि
  • नदी मार्ग में ढाल
  • जल का तीव्र वेग
  • प्राकृतिक जल-प्रपात का होना
      आर्थिक दशाएँ
  • सघन औद्योगिक, 
  • वाणिज्यिक विकास एवं आबाद क्षेत्रों जैसे बाजार
  • पर्याप्त पूँजी निवेश 
  • परिवहन  के साधन
  • प्रौद्योगिकी ज्ञान
  • ऊर्जा के अन्य स्रोतों का अभाव ।
प्रश्न 9. नदी घाटी परियोजनाओं को बहुउद्देश्यीय क्यों कहा जाता है ?
उत्तर- क्योंकि नदी घाटी परियोजनाओं से एक साथ कई उद्देश्यों की पूर्ति होती है, जैसे-
  • सिंचाई के साथ पनबिजली उत्पन्न करना।
  • बाढ़ का नियंत्रण।
  • मृदा अपरदन का नियंत्रण।
  • मत्स्य पालन।
  • पर्यटक स्थल का विकास।
  •  यातायात की सुविधा का विकास।
प्रश्न 10. निम्नलिखित नदी घाटी परियोजनाएँ किन-किन राज्यों में अवस्थित है- हीराकुण्ड, तुंगभद्रा, रिहन्द ।
उत्तर-
हीराकुण्ड – उड़ीसा में
तुंगभद्रा – आंध्रप्रदेश में
रिहन्द – उत्तर प्रदेश में

प्रश्न 11. ताप शक्ति क्यों समाप्य संसाधन है ?
उत्तर- ताप शक्ति संयंत्रों में तापीय विद्युत का उत्पादन करने के लिए कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस का उपयोग होता है। ये सभी जीवाश्म का भंडार सीमित है जो समाप्त हो जायेंग । इसीलिए इसे समाप्य संसाधन कहा जाता है।

प्रश्न 12. परमाणु शक्ति किन-किन खनिजों से प्राप्त होता है ?
उत्तर- परमाणु शक्ति इल्मेनाइट, बैैनेडियम, एंटीमनी, ग्रेफाइट, यूरेनियम, मोनाजाइट इत्यादि खनिजों से प्राप्त होता है ।

प्रश्न 13. मोनाजाइट भारत में कहाँ-कहाँ उपलब्ध है?
उत्तर- भारत में मोनाजाइट केरल राज्यों में प्रचुरता से पाया जाता है। इसके अतिरिक्त, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा इत्यादि के तटीय क्षेत्रों में यह उपलब्ध है ।

प्रश्न 14. सौर ऊर्जा का उत्पादन कैसे होता है ?
उत्तर- जब फोटोवोल्टाइक सेलों में विपाश्ति सूर्य की किरणों को ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है तो सौर ऊर्जा का उत्पादन होता है।

प्रश्न 15. भारत के किन-किन क्षेत्रों में पवन ऊर्जा के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ हैं ?
उत्तर-  भारत में पवन ऊर्जा के लिए राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में अनुकूल परिस्थितियाँ विद्यमान हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर :

प्रश्न 1. शक्ति संसाधनों का वर्गीकरण विभिन्न आधारों के अनुसार सोदाहरण स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर - शक्ति संसाधनों का वर्गीकरण विभिन्न आधारों के अनुसार निम्नलिखित हैं :-

A. उपयोग स्तर के आधार पर शक्ति के दो प्रकार है -
(i) सतत शक्ति - सौर किरणें, भूमिगत ऊष्मा, पवन, प्रवाहित जल इत्यादि।
(ii) समापनीय शक्ति - कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस इत्यादि।

B. उपयोगिता के आधार पर ऊर्जा को दो भागों में विभाजित किया जाता है -

(i) प्राथमिक ऊर्जा - कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं रेडियोधर्मी खनिज।
(ii) गौण ऊर्जा- विद्युत, क्योंकि यह प्राथमिक ऊर्जा से प्राप्त किया जाता है ।

C. स्रोत की स्थिति के आधार पर शक्ति को दो भागों में बाँटा जाता है-

(i) क्षयशील शक्ति संसाधन - कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा आण्विक खनिज।
(ii) अक्षयशील शक्ति संसाधन - प्रवाही जल, पवन, लहरें, सौर शक्ति इत्यादि।

D. संरचनात्मक गुणों के आधार पर ऊर्जा के दो स्रोत है -
(i) जैविक ऊर्जा स्रोत - मानव एवं अन्य प्राणी।
(ii) अजैविके ऊर्जा स्रोत - जल शक्ति, पवन शक्ति, सौर शक्ति तथा ईंधन शक्ति।

E. समय के आधार पर शक्ति संसाधन दो प्रकार होते है -

(i) पारम्परिक शक्ति संसाधन - कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैसा
(ii) गैर-पारम्परिक शक्ति संसाधन - सूर्य, पवन, ज्वार, परमाणु ऊर्जा, गर्म झरने इत्यादि।

प्रश्न 2. भारत में पारम्परिक शक्ति के विभिन्न स्रोतों का विवरण प्रस्तुत कीजिये ?
उत्तर- पारम्परिक शक्ति स्रोत के अन्तर्गत कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस जैसे खनिज ईंधन सम्मिलित हैं।
(i) कोयला – यह शक्ति और ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत है। जनवरी 2008 तक भारत में 1200 मीटर की गहराई तक पाये जाने वाले कोयले का कुल अनुमानित भण्डार 26454 करोड़ टन आँका गया था।
भारत में 96 प्रतिशत गोंडवाना समूह का और 4 प्रतिशत टर्शियरी समूह का कोयला पाया जाता है।

(ii) पेट्रोलियम – यह शक्ति के समस्त साधनों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं व्यापक रूप से उपयोगी संसाध है। आधुनिक युग में कोई भी राष्ट्र इसके बिना अपने अस्तित्व को कायम नहीं रख सकता है। यह शक्ति स्रोत के साथ-साथ अनेक उद्योग का कच्चा माल भी है। जैसे- गैसोलीन, डीजल, किरासन तेल, स्नेहक, कीटनाशक दवाएँ, पेट्रोल, साबुन, कृत्रिम रेशा, प्लास्टिक इत्यादि बनाये जाते हैं। भारत विश्व का मात्र एक प्रतिशत पेट्रोलियम पैदा करता है। भारत प्रथम बार 1866 में ऊपरी असम घाटी में तेल के कुएँ खोदे गये।1959 में खम्भात के तेल क्षेत्र की खोज हुई। 1975 ई० में मुम्बई हाई में तेल का पता चल गया । इसके बाद भारत में पेट्रोलियम के उत्पादन में वृद्धि होने लगी । 

(iii) प्राकृतिक गैस – यह हमारे वर्तमान जीवन में बड़ी तेजी से एक महत्वपूर्ण ईंधन बनता जा रहा है । इसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में मशीन को चलाने में, विद्युत उत्पादन में, खाना पकाने में, मोटर गाड़ियां चलाने में किया जा रहा है।

                       भारत में एक अनुमान के अनुसार प्राकृतिक गैस की संचित भंडार 700 अरब घन मीटर है । 1984 में प्राकृतिक गैस प्राधिकरण की स्थापना देश की प्राकृतिक गैसों के परिवहन, वितरण एवं विपणन हेतु किया गया जो 5340 किलोमीटर गैस पाइप लाइन द्वारा देश भर में फैले उपभोक्ताओं की आवश्यकता पूर्ति करता है ।

प्रश्न 3. गोंडवाना काल के कोयले का भारत में वितरण पर प्रकाश डालिये ?

उत्तर- गोंडवाना समूह में भारत के 96 प्रतिशत कोयले का भण्डार है इससे कुल उत्पादन का 99 प्रतिशत भाग प्राप्त होता है । यहाँ के कोयले का निर्माण 20 करोड़ वर्ष पूर्व में हुआ था। गंडवाना कोयला क्षेत्र मुख्यतः चार नदी घाटियों में पाये जाते हैं-

(क) दामोदर घाटी क्षेत्र 

(ख) सोन नदी घाटी क्षेत्र

(ग) महानदी घाटी क्षेत्र तथा

(घ) वार्धा-गोदावरी घाटी क्षेत्र।

               गोंडवाना समूह का कोयला क्षेत्र भारत के निम्नलिखित राज्यों में पाया जाता है :-

झारखण्ड - कोयले के भण्डार एवं उत्पादन की दृष्टि से इसका स्थान  देश में प्रथम है । यहाँ के प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र - झरिया, बोकारो, गिरिडीह, कर्णपुरा, रामगढ़ इत्यादि हैं।

छत्तीसगढ़- सुरक्षित भण्डार की दृष्टि से इस राज्य का स्थान तीसरा किंतु उत्पादन में यह भारत का दूसरा बड़ा राज्य है । यहाँ देश का 15 प्रतिशत सुरक्षित भण्डार है लेकिन उत्पादन 16 प्रतिशत होता है ।यहाँ का उत्पादक क्षेत्र है चिरिमिरी, कुरसिया, विश्रामपुर, झिलमिली, सोनहाट, लखनपुर, हासदो-अरंड, कोरबा एवं मांड-रायगढ़ इत्यादि।

उड़ीसा- यहाँ देश का एक चौथाई कोयले का भण्डार है। यहाँ का मुख्य उत्पादक क्षेत्र है तालचर।
महाराष्ट्र- यहाँ भारत का मात्र  3 प्रतिशत कोयला सुरक्षित है। यहाँ के मुख्य उत्पादक क्षेत्र–चाँदा-वर्धा, कांपटी तथा बंदेर हैं।

मध्यप्रदेश- यहाँ देश का मात्र 7 प्रतिशत कोयला का भण्डार है। सिंगरौली, सोहागपुर, जोहिल्ला, उमरिया, सतपुड़ा क्षेत्र इत्यादि मुख्य उत्पादक क्षेत्र हैं।

पश्चिम बंगाल- यह राज्य देश के सुरक्षित भण्डार की दृष्टि से चौथा एवं उत्पादन में 7वां है । रानीगंज यहाँ का मुख्य उत्पादक क्षेत्र है।


प्रश्न 4. कोयले का वर्गीकरण कर उनकी विशेषताओं का उल्लेख को स्पष्ट कीजिए ?

उत्तर- कार्बन की मात्रा के आधार पर कोयला को निम्नलिखित चार वर्गों में रखा गया है :-

(i) ऐंथ्रासाइट (Anthracite) - यह सर्वोच्च कोटि का कोयला है जिसमें कार्बन की मात्रा 90% से अधिक होती है। यह जलने पर धुआँ नहीं देता साथ ही साथ देर तक अत्यधिक ऊष्मा देता है। इसे कोकिंग कोयला भी कहा गया है तथा धातु गलाने के काम आता है।
(ii) बिटुमिनस- इसमें कार्बन की मात्रा 70 से 90% होती है। इसे परिष्कृत कर कोकिंग कोइला बनाया जा सकता है। भारत का अधिकतर कोयला इसी श्रेणी का है ।
(iii) लिग्नाइट- यह निम्न कोटि का कोयला है । जीसमें कार्बन की मात्रा 30 से 70% होती है । यह धुआँ अधिक एवं ऊष्मा कम देता है । इसे भूरा कोयला भी कहते हैं।
(iv) पीट- इसमें कार्बन 30% से कम पाया जाता है । यह पूर्व केे दलदली क्षेत्र में पाया जाता है।


प्रश्न 5. भारत में खनिज तेल के वितरण का वर्णन कीजिए?
उत्तर- भारत में मुख्यतः पाँच  तेल उत्पादक क्षेत्र हैं –
(i) उत्तरी-पूर्वी प्रदेश- यह देश का सबसे पुराना तेल उत्पादक क्षेत्र है, जहाँ 1886 ई० में तेल के लिए खुदाई की गई थी । ऊपरी असम घाटी, अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड आदि का विशाल तेल क्षेत्र इसके अन्तर्गत आते है।
(ii) गुजरात क्षेत्र- यह क्षेत्र खम्भात के बेसिन एवं गुजरात के मैदान में विस्तृत है। यहाँ पहली बार 1958 में तेल का पता चला था। इसके मुख्य उत्पादक अंकलेश्वर, कलोल, नवगाँव, कोसांबा, मेहसाना इत्यादि हैं।
(iii) मुम्बई हाई क्षेत्र- यह मुम्बई तट से 176 किमी दूर उत्तर-पश्चिम दिशा में अरब सागर में स्थित है। यहाँ 1975 से तेल खोजने का कार्य शुरू हुआ।
(iv) पूर्वी तट प्रदेश- यह कृष्णा-गोदावरी और कावेरी नदियों के बेसिन तथा मुहाने के समुद्री क्षेत्र में  फैला हुआ है।
(v) बाड़मेर बेसिन- इस बेसिन के मंगला क्षेत्र में सितम्बर 2009 से उत्पादन शुरू हो गया है । यहां प्रतिदिन 56000 बैरल तेल का उत्पादन हो रहा है । 2012 तक यह भारत का 20% पेट्रोलियम उत्पादन करेगा।

प्रश्न 6. जल विद्युत उत्पादन हेतु अनुकूल भौगोलिक एवं आर्थिक कारकों की विवेचना करें।
उत्तर- जल विद्युत उत्पादन हेतु अनुकूल भौगोलिक दशाएँ  निम्नलिखित हैं -

            भौतिक दशाएँ  -  
  • ◆ सदावाहिनी नदी में प्रचुर जल की राशि
  • ◆ नदी मार्ग में ढाल
  • ◆ जल का तीव्र वेग
  • ◆ प्राकृतिक जल-प्रपात का होना
           आर्थिक दशाएँ -
  • ◆ सघन औद्योगिक, 
  • ◆ वाणिज्यिक विकास एवं आबाद क्षेत्रों जैसे बाजार
  • ◆ पर्याप्त पूँजी निवेश 
  • ◆ परिवहन  के साधन
  • ◆ प्रौद्योगिकी ज्ञान
  • ◆ ऊर्जा के अन्य स्रोतों का अभाव ।
प्रश्न 7. संक्षिप्त भौगोलिक टिप्पणी लिखें-भाखड़ा-नंगल परियोजना, दामोदर घाटी परियोजना, कोसी परियोजना, हीराकुण्ड परियोजना, रिहन्द परियोजना और तुंगभद्रा परियोजना।
उत्तर- (i) भाखड़ा-नंगल परियोजना- सतलज नदी पर हिमालय प्रदेश में विश्व के सर्वोच्च बाँधों में एक भाखड़ा बांध की ऊंचाई 225 मीटर है। यह भारत की सबसे बड़ी परियोजना है, जहाँ चार शक्ति-गृह बनाये गए हसि । क भाखड़ा में, दो गंगुवाल में और एक कोटला में स्थापित होकर 7 लाख किलोवाट विद्युत उत्पादन कर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरांचल, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान तथा जम्मू व कश्मीर राज्यों के कृषि एवं उद्योगों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है।

(ii) दामोदर घाटी परियोजना- यह परियोजना दामोदर नदी के भयंकर बाढ़ से झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल को बचाने के साथ-साथ तलैया, मैथन, कोनार और पंचेत पहाड़ी में बाँध बनाकर 1300 मेगावाट जल विद्युत उत्पन्न करने में सहायक है। इसका लाभ बिहार, झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल को प्राप्त है।

(ii) कोसी परियोजना- उत्तर बिहार का अभिशाप कोसी नदी पर हनुमान नगर(नेपाल) में बाँध बनाकर 20000 किलोवाट बिजली उत्पन्न किया जा रहा है। जिसकी आधी बिजली नेपाल को तथा शेष बिहार को प्राप्त होती है।

(iv) रिहन्द परियोजना- सोन की सहायक नदी पर रिहन्द उत्तरप्रदेश में 934 मीटर लम्बा बाँध और कृत्रिम झील ‘गोविन्द बल्लभ पंत सागर’ का निर्माण कर बिजली उत्पादित की जाती है। इस योजना से 30 लाख किलोवाट विद्युत उत्पादन करने की क्षमता है। यहाँ की बिजली का उपयोग रेणुकूट के अल्युमिनियम उद्योग, चुर्क के सीमेंट उद्योग, मध्य भारत के रेल मार्गों का विद्युतिकरण तथा हजारों नलकूपों के लिए किये जाते है।

(v) हीराकुण्ड परियोजना- महानदी पर विश्व का सबसे लम्बा बाँध (4801) मीटर बनाकर 2.7 लाख किलोवाट बिजली उत्पादन किया जाता है। इससे उड़ीसा एवं आस-पास के कृषि क्षेत्र एवं उद्योग में उपयोग किया जाता है ।

(vi) तंगभद्रा परियोजना- यह कृष्णा नदी की सहायक नदी तुंगभद्रा पर आंध्रप्रदेश में स्थित दक्षिण भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना है जो कर्नाटक एवं आंध्रप्रदेश के सहयोग से तैयार हुआ है। इसकी बिजली उत्पादन क्षमता 1 लाख किलोवाट है जो सिंचाई के साथ-साथ सैकड़ों छोटे-बड़े उद्योगों को बिजली आपूर्ति करता है।

प्रश्न 8. भारत के किन्हीं चार परमाणु विद्युत गृह का उल्लेख कीजिए तथा उनकी विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- भारत के चार परमाणु विद्युत गृह निम्न हैं-
(i) तारापुर परमाणु विद्युत गृह - यह एशिया का सबसे बड़ा परमाणु विद्युत गृह है। यहाँ जल उबालने वाली दो परमाणु भट्ठियाँ हैं जिनमें प्रत्येक की उत्पादन क्षमता 200 मेगावाट से अधिक है । अब यहाँ यूरेनियम के स्थान पर थोरियम से प्लूटोनियम बनाकर विद्युत उत्पन्न किए जा रहे हैं, क्योंकि भारत थोरियम के भण्डार में काफी समृद्ध है।
(ii) कलपक्कम परमाणु विद्युत गृह- तमिलनाडु में स्थित यह परमाणु गृह स्वदेशी प्रयास से बना है। यहाँ 335 मेगावाट के दो रिएक्टर क्रमश: 1983 एवं 1985 र्य करना शुरू कर दिया हैं।
(iii) नरौरा परमाणु विद्युत गृह- यह उत्तर प्रदेश के बुलंद शहर के पास स्थित है। यहाँ भी 235 मेगावाट के दो रिएक्टर हैं।
(iv) ककरापास परमाणु विद्युत गृह- गुजरात राज्य में समुद्र के किनारे स्थित इस परमाणु गृह में 1992 से विद्युत उत्पादन प्रारम्भ हुआ है।

प्रश्न 9. शक्ति संसाधनों के संरक्षण हेतु कौन-कौन  कदम उठाये जा सकते हैं ? आप उसमें कैसे मदद पहुंचा सकते हैं?
उत्तर- ऊर्जा संकट एक विश्व-व्यापी समस्या का रूप ले चुका है। इसके समाधान के निम्नलिखित उपाए किए जा रहे हैं-

(i) ऊर्जा के प्रयोग में मितव्ययिता : ऊर्जा संकट से बचने के लिए प्रथमतः ऊर्जा के उपयोग में मितव्ययिता बरती जाय । इसके लिए तकनीकी विकास आवश्यक है। ऐसे मोटर गाड़ियों का निर्माण हो जो कम तेल में ज्यादा चलते है । अनावश्यक बिजली का उपयोग रोककर हम ऊर्जा की बचत बड़े स्तर पर कर सकते हैं।
(ii) ऊर्जा के नवीन क्षेत्रों की खोज - ऊर्जा संकट समाधान की दिशा में परम्परागत ऊर्जा के नये क्षेत्रों का अन्वेषन किया जाय। इस दिशा में भारत में 1970 के बाद काफी तेजी आई है तथा अनेक नये-नये पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस के भण्डार का पता लगाया जा चुका है। अरब सागर, कृष्णा-गोदावरी क्षेत्र, राजस्थान क्षेत्र आदि में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस के स्रोत प्राप्त हुए हैं। इसके लिए सुदूर-संवेदी सूचना प्रणाली का भी उपयोग हो रहा है।
(iii) ऊर्जा के नवीन वैकल्पिक साधनों का उपयोग- वैकल्पिक ऊर्जा में पारम्परिक एवं गैर-पारम्परिक दोनों ही ऊर्जा सम्मिलित हैं। इन में से कुछ तो सतत् नवीकरणीय हैं तो कुछ समापनीय हैं । आज वैकल्पिक ऊर्जा में जल विद्युत, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, जैव ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा आदि का विकास कर उपयोग करना शक्ति के संसाधनों को संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। जीवाश्म ऊर्जा के अत्यधिक उपयोग से प्रदूषण, स्वास्थ्य एवं जलवायु परिवर्तन की आशंका प्रबल हो गई है। अतः इसके स्थान पर वैकल्पिक ऊर्जा स्रोंतों पर ध्यान देना होगा ।
(iv) अंतर्राष्टीय सहयोग – ऊर्जा संकट से बचने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है। विश्व के सभी राष्ट्र आपसी मतभेद को भुलाकर ऊर्जा संकट के समाधान हेतु आम सहमति से नीति निर्धारण करें नहीं तो आनेवाले दिनों में यह विश्व के लिए दुःखदायी साबित होगा।
                       इस संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र संघ (U.N.O.) आर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम  एक्सपोर्टिंग कन्ट्रीज(OPEC), विश्व व्यापार संगठन(WTO), दक्षिण एशियाई 8 देशों का संगठन (G-8) जैसी अंतरष्ट्रीय संस्थाएँ महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है ।
           इन सब के अलावे मैं अपने क्रियाकलाप में परिवर्तन कर इसमें सहायता कर सकता हूँ । जैसे-
  • ★बिजली के बल्बों एवं अन्य उपकरणों का आवश्यकतानुसार प्रयोग कर ।
  • ★स्वचालित वाहनों के बजाय पैदल चलकर या साइकिल का अधिक उपयोग कर।
  • ★गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, बायोगैस इत्यादि का उपयोग कर।
  • ★लोगों को इस संबंध में अपनी क्षमतानुसार जागरूक कर।

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