BSEB CLASS -10 Geography Solutions/ बिहार : (ख) उद्योग एवं परिवहन

        BSEB CLASS -10 Geography Solutions

खण्ड (क)

इकाई 5 बिहार : (ख) उद्योग एवं परिवहन



वस्तुनिष्ट प्रश्नोत्तर

1. बिहार के किस शहर में कांच उद्योग स्थापित है ?
(a) हाजीपुर
(b) शाहपुर
(c) मुरकुंडा
(d) भवानी नगर
उत्तर- (a) हाजीपुर

2. सिगरेट का कारखाना कहाँ है ?
(a) मुंगेर में
(b) पटना में
(c) शाहपुर में
(d) गया में
उत्तर- (a) मुंगेर में

3. रेल वर्कशॉप कहाँ स्थित है ?
(a) जमालपुर
(b) भागलपुर
(c) मुंगेर
(d) पटना
उत्तर- (a) जमालपुर

4. खाद कारखाना कहाँ स्थित है ?
(a) बरौनी
(b) बाढ़
(c) मोकामा
(d) लक्खीसराय
उत्तर- (a) बरौनी

5. किस नगर में कालीन तैयार होता है ?
(a) ओबरा
(b) दाउदनगर
(c) बिहारसरीफ
(d) गया
उत्तर- (a) ओबरा

6. अशोक पेपर मिल किस जिला में स्थित है ?
(a) समस्तीपुर
(b) पटना
(c) पूर्णिया
(d) अररिया
उत्तर- डालमियानगर

7. बिहार की पहली रेल लाईन थी ?
(a) मार्टीन लाइट रेलवे
(b) ईस्ट इंडिया रेल मार्ग
(c) भारत रेल
(d) बिहार रेल सेवा
उत्तर- (b) ईस्ट इंडिया रेल मार्ग

8. पटना हवाई अड्डा का क्या नाम है ?
(a) जय प्रकाश अंतरराष्ट्रीय हवाई पत्तन
(b) पटना हवाई अड्डा
(c) राजेन्द्र प्रसाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
(d) बिहार हवाई अड्डा
उत्तर- (a) जय प्रकाश अंतरराष्ट्रीय हवाई पत्तन

9. ग्रांड ट्रंक रोड का राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या क्या है ?
(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) 4
उत्तर- (b) 2

10. बिहार में रेल परिवहन का शुभारंभ कब से माना जाता है ?
(a) 1842 से
(b) 1860 से
(c) 1858 से
(d) 1862 से
उत्तर- (b) 1860

11. मध्य पूर्व रेलवे का मुख्यालय कहाँ है ?
(a) पटना में
(b) हाजीपुर में
(c) मुज़फ़्फ़रपुर में
(d) समस्तीपुर में
उत्तर- (b) हाजीपुर में

12. बिहार की सीमा में रेलमार्ग की कुल लम्बाई कितनी है?
(a) 6283 कि०मी०
(b) 5283 कि०मी०
(c) 7283 कि०मी०
(d) 8500 कि०मी०
उत्तर- (a) 6283 कि०मी०(वर्ष 2001)

13.बिहार में रज्जुमार्ग कहाँ है ?
(a) बिहारसरीफ
(b) राजगीर
(c) गया
(d) बांका
उत्तर- (b) राजगीर

14. मंदार झील किस जिला में स्थित है ?
(a) मुंगेर
(b) भागलपुर
(c) बांका
(d) बक्सर
उत्तर- (c) बांका

15. राष्ट्रीय पोत संस्थान पटना के किस घाट पर स्थित है ?
(a) महेन्द्रू घाट
(b) गाँधी घाट
(c) दीघा घाट
(d) बांस घाट
उत्तर- (a) महेन्द्रू घाट

लघु उत्तरीय  प्रश्नोत्तर :

प्रश्न 1.बिहार में जूट उद्योग पर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर- जूट बिहार का ही नहीं बल्कि पूर्व भारत का एक महत्वपूर्ण उद्योग है । आजादी से पूर्व भारत में जूट के 110 कारखाने थे जो अधिकांशतः प.बंगाल और बिहार में ही केन्द्रित थे। लेकिन आजादी के बाद अधिकतर क्षेत्र बंगलादेश में चले गये। बिहार में जूट के तीन बड़े कारखाने कटिहार, पूर्णिया एवं दरभंगा में स्थित है हालांकि वर्तमान में सिर्फ कटिहार का कारखाना ही कार्यरत है ।

प्रश्न 2. गंगा किनारे स्थित महत्वपूर्ण औद्योगिक केन्द्रों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- गंगा नदी के दोनों ओर तटीय जिलों में दलहन का अधिक उत्पादन होता है, इसलिए यहाँ दलहन की छोटी-छोटी मिलें विकसित है । इनमें बाढ़, मोकामा, बरबीघा, शेखपुरा, पटना, बिहार शरीफ प्रमुख हैं।
            पटना के दीघा एवं मोकामा में बाटा चर्मशोधन एवं निर्माण उद्योग की दो बड़ी इकाइयाँ स्थित हैं। भागलपुर में रेशमी वस्त्र उद्योग विकसित है। पटना, हाजीपुर और भागलपुर में काँच उद्योग स्थित है।

प्रश्न 3.औद्योगिक विकास हेतु बिआडा के पहल को बताऐं।
उत्तर- बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (Bihar Industrial Area Development Authority,बीआडा) द्वारा औद्योगिक विकास हेतु कई साहसिक कदम उठाए गए हैं। उनमें मुख्य कदम यह है कि वर्ष 2006-07 में 172.45 करोड़ रुपये परियोजना लागत वाली 15 इकाइयों को जमीन दी गई। इसके विपरीत इस वर्ष 4218.62 करोड़ रु० निवेश वाली 627 नई इकाइयों को जमीन दी गई। पहले  आवंटन में काफी समय लगता था । बिआडा ने नई इकाइयों को 24 घंटे में जमीन आवंटन की व्यवस्था की।

प्रश्न 4.नई औद्योगिक नीति के मुख्य बिन्दुओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर- नई औद्योगिक नीति 2006 की मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं-

●निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए उचित कदम उठाना ।

●आधारभूत औद्योगिक संरचना को विकसित करने हेतु प्रोत्साहित करना ।

●उपभोक्ता रुचि वाले औद्योगिक इकाइयों को विकसित करने हेतु प्रोत्साहन देना ।


प्रश्न 5.जमालपुर में किस चीज का वर्कशाप है, और क्यों प्रसिद्ध है ?

उत्तर- जमालपुर में 1875 ई. में एक बड़ा रेलवे वर्कशाप स्थापित हुआ था जिसमें करीब 10 हजार मजदूरों को रोजगार मिला था और यह एशिया का सबसे पहला वर्कशाप था।

जमालपुर मुंगेर जिला अन्तर्गत आता है जहाँ डीजल इंजन का कार्य होता है। यह एक बड़ा रेलवे वर्कशाप है।

प्रश्न 6. राजगीर के औद्योगिक विकास पर अपना विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर- राजगीर बिहार का एक ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है। यह स्थल मुख्य रूप से गर्मजल के झरने एवं विभिन्न प्रकार के पाये जाने वाले  कुंडों के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावे यहाँ गृद्धकूट पर्वत पर शांति स्तूप स्थापित है, जो विश्व को भगवान बुद्ध का शांति संदेश देता है।
                            यह मनोरम दृश्यों से भरपूर पर्यटन स्थल है जहाँ कई दर्शनीय स्थान हैं जैसे—स्वर्ण भंडार, वेणुवन, नौलखा मंदिर, जरासंध का अखाड़ा, अजातशत्रु के किला का भग्नावशेष आदि। अतः पर्यटन उद्योग के विकास की यहाँ असीम संभावनाएं हैं । इसके अलावे यहाँ आयुद्ध निर्माणी कारखाना भी स्थापित किया गया है जो राजगीर के औद्योगिक विकास में चार चाँद लगाता है। यह क्षेत्र रेलवे लाइन, सड़क मार्ग से सीधे जुड़ा हुआ है।

प्रश्न 7. मुंगेर में कौन-कौन से उद्योग विकसित हैं, वर्णन कीजिए।
उत्तर- मुंगेर में सबसे प्रमुख सिगरेट बनाने का कारखाना है। यहां 250 से अधिक बीड़ी के कारखाने है । मुंगेर के ही दिलावरपुर में इम्पेरियल टोबैको स्थापित है । इसके अलावे यहाँ स्थानीय भेड़ों से प्राप्त ऊन से कम्बल बनाया जाता है। 
                 जमालपुर मुंगेर जिला अन्तर्गत  ही आता है जहाँ कि डीजल इंजन का कार्य होता है। यह एक बड़ा रेलवे वर्कशाप है ।

प्रश्न 8. उत्तरी बिहार की अपेक्षा दक्षिणी बिहार में सड़कों का विकास अधिक हुआ है, क्यों?
उत्तर- उत्तरी बिहार का अधिकांश हिस्सा कोसी बेसीन और टाल, चाउर एवं दियारा क्षेत्र के अन्तर्गत आता है जो बाढ़ प्रभावित है । यहाँ लगभग प्रतिवर्ष भयंकर बाढ़ की तबाही देखनी पड़ती है । इस कारण जो सड़कें बनती भी हैं वे बाढ़ की भेंट चढ़ जाती हैं ।अतः यही कारण है कि उत्तरी बिहार की अपेक्षा दक्षिणी बिहार में सड़कों का विकास अधिक हुआ है ।

प्रश्न 9. बिहार में नदियों का परिवहन क्षेत्र में क्या योगदान है ?
उत्तर- बिहार एक भू-आवेशित राज्य है। इस कारण इसका समुद्री मार्ग से कोई सम्पर्क नहीं है । यहाँ जलमार्ग के लिए नदियों का उपयोग किया जाता है। बिहार की कई बड़ी नदियाँ हैं जिनमें सालोभर जल प्रवाहित होता रहता है । शायद यही कारण है कि इस राज्य में प्राचीन काल से ही जल परिवहन का कार्य होता रहा है। मध्यकाल में परिवहन का मुख्य साधन भी यही था, इसी कारण से नगरों का विकास नदियों के तट पर हुआ । गंगा, घाघरा, कोसी, गण्डक और सोन नदियाँ मुख्य रूप से जल परिवहन के लिए उपयोग की जाती हैं । घाघरा नदी से खाद्यान, गंडक से लकड़ी, फल, सब्जी, सोन नदी से बालू और पुनपुन से बाँस ढोए जाते हैं । गंगा में  कई बड़े-बड़े स्टीमर चलाए जाते हैं । वर्तमान में गंगा नदी में हल्दिया-इलाहाबाद राष्ट्रीय जलमार्ग विकसित किया गया है। हाल ही में पटना के महेन्द्रु घाट के पास एक राष्ट्रीय पोत संस्थान की स्थापना की गई है।

प्रश्न 10. बिहार के प्रमुख हवाई अड्डों के नाम लिखिए और वे कहाँ स्थित हैं ?
उत्तर- बिहार के प्रमुख हवाई अड्डों के नाम -
(i) जय प्रकाश अन्तर्राष्ट्रीय हवाई पत्तन- पटना
(ii) बोधगया अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे -गया
                            
                                    इसके अलावा मुजफ्फरपुर, जोगबनी, रक्सौल, भागलपुर, बिहटा आदि 7 हवाई अड्डे हैं।

 प्रश्न 11. उत्तरी बिहार के रेलमार्ग की विवेचना कीजिए।
उत्तर- उत्तरी बिहार के रेलमार्ग का काफी विकास हुआ है। मध्य-पूर्व रेलवे का कार्यालय उत्तरी बिहार के हाजीपुर में ही स्थित है । स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 1959 ई. में ही मोकामा के पास राजेन्द्र सेतु का निर्माण किया गया था जो उत्तरी और दक्षिणी बिहार को जोड़ता है। हाजीपुर जक्शन से होते हुए कई लम्बी दूरी की रेलगाड़ियाँ भी चल रही हैं। दीघा-सोनपुर के बीच गंगा पर रेलपुल निर्माण का कार्य चल रहा है।

प्रश्न 12. बिहार के जलमार्ग पर अपना विचार प्रस्तुत करें।
उत्तर- बिहार एक भू-आवेशित राज्य है। इस कारण इसका समुद्री मार्ग से कोई सम्पर्क नहीं है । यहाँ जलमार्ग के लिए नदियों का उपयोग किया जाता है। बिहार की कई बड़ी नदियाँ हैं जिनमें सालोभर जल प्रवाहित होता रहता है । शायद यही कारण है कि इस राज्य में प्राचीन काल से ही जल परिवहन का कार्य होता रहा है। मध्यकाल में परिवहन का मुख्य साधन भी यही था, इसी कारण से नगरों का विकास नदियों के तट पर हुआ । गंगा, घाघरा, कोसी, गण्डक और सोन नदियाँ मुख्य रूप से जल परिवहन के लिए उपयोग की जाती हैं । घाघरा नदी से खाद्यान, गंडक से लकड़ी, फल, सब्जी, सोन नदी से बालू और पुनपुन से बाँस ढोए जाते हैं । गंगा में  कई बड़े-बड़े स्टीमर चलाए जाते हैं । वर्तमान में गंगा नदी में हल्दिया-इलाहाबाद राष्ट्रीय जलमार्ग विकसित किया गया है। हाल ही में पटना के महेन्द्रु घाट के पास एक राष्ट्रीय पोत संस्थान की स्थापना की गई है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर :

प्रश्न 1.बिहार के कृषि आधारित किसी एक उद्योग के विकास एवं वितरण पर प्रकाश डालिए।

उत्तर- बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है यहाँ की 80% आबादी कृषि पर ही आधारित है और कृषि पर आधारित यहाँ कई उद्योग हैं, जैसे- चीनी उद्योग, जूट उद्योग, तम्बाकू उद्योग इत्यादि इनमें चीनी उद्योग प्रमुख है।

चीनी उद्योग - यह बिहार का एक मुख्य कृषि आधारित उद्योग है। 20वीं शताब्दी के मध्य तक भारत के चीनी उद्योग के क्षेत्र में बिहार का स्थान महत्वपूर्ण था। किन्तु 1960 के बाद इसमे ह्रास होने लगा, जबकि यहाँ इस उद्योग के लिए सभी अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियाँ विद्यमान हैं । अतः हाल के कुछ वर्षों में पुनः इसमें सुधार होने लगा है। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में इस पर विशेष ध्यान दिया गया है। बिहार राज्य चीनी निगम के बंद पड़े 15 चीनी मिलों एवं दो निर्माणधीन इकाइयों को पुनः जीवित करने की योजना है। राज्य सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया है कि ग्यारह चीनी मिलों के परिचालन की जिम्मेदारी रिलायस, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम एवं बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को दे दी जाएगी। 

                     बिहार में चीनी की अधिकतर मिलें उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्र में विकसित हैं। पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चम्पारण, सिवान, गोपालगंज और सारण जिला में चीनी मिलें केन्द्रित हैं, क्योंकि यह क्षेत्र गन्ना उत्पादन के लिए अत्यन्त ही अनुकूल है।

                       बिहार में कुछ चीनी मिलें दरभंगा जिला के सकरी, लोहार, हसनपुर एवं मुजफ्फरपुर जिला के मोतीपुर में हैं। राज्य के दक्षिणी भाग में भी चीनी के कुछ कारखाने स्थित हैं। इनमें विक्रमगंज, बिहटा और गुरारू की चीनी मिलें हैं। नवादा के वारिसलीगंज में भी एक चीनी मिल थी जो पिछले कई वर्षों से  बंद पड़ी है।

                           चीनी मिलों से सह उत्पादन के रूप में विद्युत, कागज, छोवा एवं एथेनॉल निर्माण भी होता है।


प्रश्न 2.बिहार में वस्त्र उद्योग पर विस्तार से चर्चा कीजिए।

उत्तर- वस्त्र उद्योग बिहार का एक प्राचीन उद्योग है। इस उद्योग में एक विशेष समुदाय की भागीदारी रही है। यह काम यहाँ ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र दोनों में होता है। भागलपुर के तसर कपड़े, लुंगी एवं चादर देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं। औरंगाबाद जिले के ओबरा तथा दाउदनगर के बने कालीन की मांग सम्पूर्ण भारत में है। बिहार में सूती, रेशमी एवं ऊनी वस्त्र तैयार किये जाते हैं। 

                      कच्चे माल के अभाव में यहाँ सूती मिल का अधिक विकास नहीं हुआ है, लेकिन सस्ते मजदूर तथा बाजार की उपलब्धता के कारण डुमरांव, गया, मोकामा, मुंगेर, फुलवारीशरीफ, ओरमांझी, भागलपुर में यह उद्योग विकसित हुआ है। यहाँ छोटी-छोटी मिलें स्थापित हैं जिसके लिए सूत कानपुर एवं अहमदाबाद से मंगाया जाता है।

                मुंगेर, मुजफ्फरपुर एवं पटना जिलों में स्थानीय भेड़ों से प्राप्त उन से कम्बल बनाया जाता है।
                  बिहार में हस्तकरघा प्रक्षेत्र राज्य का एक बड़ा औद्योगिक प्रक्षेत्र है। यहाँ 34,320 करघे हैं जिनमें 10817 सहकारी एवं 23503 गैर सहकारी क्षेत्र में हैं। इसके अलावे 11361 विद्युत चालित करघे हैं। यह उद्योग पटना, गया, भागलपुर, बांका, दरभंगा, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद, भभुजा, नवादा, खगड़िया, नालन्दा एवं मधुबनी जिलों में केन्द्रित हैं। हस्तकरघा उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं।

प्रश्न 3.बिहार के प्रमुख सड़क मार्गों के विस्तार एवं विकास पर प्रकाश डालिए।

उत्तर- परिवहन के साधनों में सड़कमार्ग का विस्तार बिहार में सबसे पहले हुआ था। अशोक एवं शेरशाह दो सम्राटों ने सड़कमार्ग के विकास में यहाँ काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आजादी के बाद सड़क का विस्तार काफी हुआ है। यहाँ वर्तमान में सड़कों की कुल लम्बाई 81,680 किमी. है। वर्तमान सड़क मार्ग को प्रशासनिक एवं कार्मिक दृष्टि से पाँच वर्गों में बाँटा गया है-राष्ट्रीय उच्च पथ, राज्य उच्च पथ, मुख्य जिला सड़कें, अन्य जिला सड़कें एवं ग्रामीण सड़कें।

राज्य में सबसे अधिक विस्तार ग्रामीण सड़कों का हुआ है, इसकी कुल लंबाई 8.3261.36 किमी. हैं इनमें 27,400 किमी. पक्की एवं 35861.63 किमी. सड़कें कच्ची हैं। इनके निर्माण एवं रख-रखावे का कार्य ग्राम पंचायत या प्रखंड विकास कार्यालय द्वारा होता है।

                वर्तमान में सड़कों के विकास पर अधिक बल दिया जा रहा है। इसमें सम्पूर्ण उच्च पथों की मरम्मती, नवीकरण और उन्नयन कार्य सम्मिलित है। वर्ष 2006-07 में 773 किमी. और जनवरी 2008 तक 552 किमी. राष्ट्रीय उच्चपथों का नवीकरण किया गया। राज्य एवं जिला पथों  का भी तेजी से उन्नयन हो रहा है। वर्ष 2006 में 1054 किमी. सड़कों को राज्यपथ घोषित किया गया और एशियन बैंक के सहयोग से इन्हें दो लेनेवाले उच्चपथों में उन्नयन का कार्य जारी है। वर्ष 2008 में 772 किमी. सड़कों को राज्य पथ घोषित किया गया है। बिहार की कई सड़कें अन्तर्राष्ट्रीय सीमा तक भी जाती हैं। जैसे नेपाल सीमा तक उत्तरी बिहार में बाढ़ जैसी प्राकृतिक बाधा के कारण सड़कों का विकास कम हुआ है ।

प्रश्न 4.बिहार के रेल अथवा जलमार्ग का विस्तार से चर्चा कीजिए।
उत्तर- रेलमार्ग- बिहार में रेलमार्ग का विकास ब्रिटिश काल में सर्वप्रथम 1860 में हुआ था । इस अवधि में गंगा के किनारे ईस्ट इंडिया कम्पनी ने कोलकाता तक पहली रेल लाइन बिछाई । यह रेलमार्ग मुख्यतः सुरक्षा और प्रशासनिक कार्य के लिए बनाया था और इससे पटना का सम्पर्क पश्चिमी और पूर्वी भारत से स्थापित हो गया। इसके बाद उत्तरी-बिहार में पूरब-पश्चिम रेलमार्ग का निर्माण हुआ।

        उन्नीसवीं सदी के अन्तिम दशक तक कोलकाता से तत्कालीन बिहार के कई स्थानों को मिला दिया गया। बीसवीं सदी के मध्य तक अर्थात आजादी के समय तक उत्तरी बिहार में मीटरगेज के विकास के साथ कई शहरों को जोड़ दिया गया था। जबकि दक्षिण बिहार में अधिकतर बड़ी गेज का विकास हुआ था। स्वतंत्रता के बाद 1959 में राजेन्द्र सेतु निर्माण के उपरान्त उत्तरी और दक्षिणी बिहार का रेलमार्ग द्वारा सम्पर्क स्थापित हो गया।

                   2001 तक इस राज्य में रेल लाइन की कुल लम्बाई 6,283 किमी. हो गई है और हाजीपुर में 2002 में पूर्व-मध्य रेलवे का मुख्यालय स्थापित हो गया। 2003 में रेल लाइन को और विकसित किया गया और फतुहा-इस्लामपुर बड़ी लाइन बिछाई गई, इसके बाद राजगीर-नटेसर रेल-लाइन विस्तृत हुआ। बाँका को भागलपुर मन्दार हिल रेल लाइन से जोड़ दिया गया। दीघा-सोनपुर के बीच गंगा पर रेलपुल का निर्माण काम चल रहा है। किऊल-गया मार्ग में तिलैया स्टेशन के दक्षिण में कोडरमा तथा उत्तर में राजगीर से जोड़ने का काम चल रहा है। वर्तमान समय में बिहार के रेलमार्ग का नक्शा काफी बदल चुका है। सभी राज्यों की राजधानियों या मुख्य नगरों के लिए पटना से रेलगाड़ी रवाना होती है।

                राज्य के भीतरी भागों में सवारी, एक्सप्रेस, शटल इ. एम. यू. तथा डी. एम. यू. गाड़ियाँ दौड़ती हैं। रेलवे के विकास एवं विस्तार के क्रम में कई बड़ी योजनाएं चल रही हैं। किऊल-मुगलसराय रेल लाइन पटना-गया रेललाइन का विद्युतीकरण हो चुका है। पटना जंक्शन का विस्तार कर राजेन्द्रनगर तक कर दिया गया है। पटना-गया लाइन का दोहरीकरण हो रहा है।

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