अपवाह/DRAINAGE NCERT CLASS -9 Geography Solutions


NCERT CLASS -9 Geography Solutions


      (हिंदी माध्यम)

 अध्याय -3. अपवाह  


                            
 1. दिए गये चार विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए ।
(i) निन्मलिखित में से कौन-सा वृक्ष की शाखाओं के समान अपवाह प्रतिरूप प्रणाली को दर्शाता है ?
(क) अरीय
(ख) केन्द्राभिमुखी
(ग) द्रुमाकृति 
(घ) जालीनुमा
उत्तर – (ग) द्रुमाकृतिक

(ii) वुलर झील निन्मलिखित में से किस राज्य में स्थित है?
(क) राजस्थान
(ख) पंजाब
(ग) उत्तर प्रदेश
(घ) जम्मू–कश्मीर
उत्तर – (घ) जम्मू-कश्मीर

(iii) नर्मदा नदी का उद्दगम कहाँ से है ?
(क) सतपुड़ा
(ख) अमरकंटक
(ग) ब्रम्हागिरी 
(घ) पश्चिमी घात के ढाल
उत्तर – (ख) अमरकंटक (मध्य प्रदेश )

(iv) निन्मलिखित में से कौन-सी लवणीय जलवासी झील है?
(क) सांभर
(ख) वुलर
(ग) डल
(घ) गोविंद सागर
उत्तर – (क) सांभर (राजस्थान)

(v) निन्मलिखित में से कौन-सी नदी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी है ?
(क) नर्मदा 
(ख) गोदावरी
(ग) कृष्णा
(घ) महानदी
उत्तर – (ख) गोदावरी (1500 कि०मी०)

6. निन्मलिखित नदियों में से कौन-सी नदी भ्रंश घाटी से होकर बहती है ?
(क) महानदी 
(ख) कृष्णा
(ग) तुंगभद्रा
(घ) तापी
उत्तर – (घ) तापी

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए

(i) जल विभाजक का क्या कार्य है ? एक उदाहरण दीजिए ।
उत्तर - दो दिशाओं में नदियों के प्रवाह को अलग करने वाले उच्च पर्वतीय/पठारी क्षेत्र को जल विभाजक कहा जाता है। अर्थात इसका मुख्य कार्य दो अपवाह बेसिनों को अलग करना है।
                           सिंधु एवं गंगा नदी के मध्य अरावली के उच्च भूमि जल विभाजक का एक उदाहरण है । अरावली नगर गंगा एवं सिंधु के जल विभाजक पर बसा हुआ है। अरावली से सुंदरबन तक मैदान की लंबाई 1800 कि.मी. है । इसकी ढाल 1मीटर/प्रति6 कि.मी. की दर से सुंदरवन की तरफ घटता जाता है।

(ii) भारत में सबसे विशाल नदी द्रोणी कौन सी है ?
उत्तर - भारत में सबसे विशाल गंगा नदी द्रोणी  है । इसकी कुल लंबाई 2525 किलोमीटर है।

(iii) सिंधु एवं गंगा नदी कहाँ से निकलती है ?
उत्तर - सिंधु नदी तिब्बत के समीप मानसरोवर झील से निकलकर दक्षिण-पश्चिम की ओर बहती हुई भारत में जम्मू कश्मीर के लद्दाख जिले में प्रवेश करती है। 
                       गंगा नदी की मुख्यधारा भागीरथी की उत्पत्ति हिमालय स्थित गंगोत्री हिमानी के गोमुख से हुआ है। अलकनंदा उत्तराखंड स्थित देवप्रयाग में भागीरथी से मिल जाती है तथा गंगा नदी के नाम से प्रवाहित होती है।

(iv) गंगा की दो प्रमुख धाराओं के नाम लिखिए ? यह कहाँ पर एक-दूसरे से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती है ?
उत्तर - गंगा नदी की पहली प्रारंभिक धारा भागीरथी तथा दूसरी प्रारम्भिक धारा अलकनंदा है। भागीरथी देवप्रयाग(उत्तराखंड) में अलकनंदा से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती है। 

(v) लंबी धारा होने के बावजूद तिब्बत के क्षेत्रों में ब्रह्मपुत्र में कम गाद (सिल्ट) क्यों है ?
उत्तर - लंबी धारा होने के बावजूद तिब्बत के क्षेत्रों में ब्रह्मपुत्र में कम गाद(सिल्ट) होती है क्योंकि ब्रह्मपुत्र का उद्गम क्षेत्र तिब्बत एक शीत एवं शुष्क क्षेत्र है जहाँ नदी के जल में सिल्ट की मात्रा नगन्य होती है ।

(vi) नदियाँ तथा झीलों के कुछ आर्थिक महत्व को बताएँ।
उत्तर - नदियाँ एवं जिलों के आर्थिक महत्व निम्नलिखित है- 
◆ यह जलीय पारितंत्र के संतुलन को बनाए रखती है।
◆ इससे प्राकृतिक सौंदर्य में वृद्धि के साथ-साथ पर्यटन एवं मनोरंजन का साधन विकसित होती है।
◆ इसका उपयोग जल विद्युत उत्पादन में किया जाता है।
◆ यह अत्यधिक वर्षा के समय पानी के बाढ़ को रोकती है।
◆ यह सूखे की स्थिति में नमी को बनाए रखती है।


3. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

(i) नीचे भारत के कुछ झीलों के नाम दिए गए हैं । इन्हें प्राकृतिक तथा मानव निर्मित वर्गों में बांटिए ।

उत्तर - प्राकृतिक झील - (क) वूलर  (ख) डल (ग) नैनीताल  (घ) भीमताल  (च) लोकताक (छ) बारापनी (ज) चिल्का (झ) सांभर (ठ) पुलिकट 

मानव निर्मित झील - (ड़) गोबिंद सागर (य) राणा प्रताप सागर (ट) निजाम सागर (ड) नागार्जुन सागर (ढ) हीराकुंड

4. हिमालय तथा प्रायद्वीपीय नदियों के मुख्य अंतर को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर - हिमालय की नदियाँ - हिमालय की अधिकांश नदियाँ बारहमासी अथवा स्थायी है । इन्हें वर्षा के जल के अतिरिक्त पर्वत की चोटियों पर जमें हिम के पिघलने से सालोंभर जलापूर्ति होती रहती है । सिंधु एवं ब्रह्मपुत्र जैसी भारत की प्रमुख नदियाँ हिमालय से निकलती है । इन नदियों ने प्रवाह के क्रम में पर्वतों को काटकर गॉर्ज का निर्माण किया है ।

प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ - यहाँ के अधिकांश नदियाँ मौसमी है जिसका स्रोत वर्षा जल का है । ग्रीष्म ऋतु एवं शुष्क मौसम में जब वर्षा नहीं होती यहाँ की बड़ी-बड़ी नदियों का जलस्तर घटकर छोटी-छोटी धाराओं या नलिकाओं में परिणत हो जाता है । इनमें से कुछ नदियाँ पठारी भाग तथा पश्चिमी घाट पर्वत से निकलकर पश्चिम की ओर बहती हुई अरब सागर में गिरती है । किंतु, प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश नदियाँ पश्चिमी घाट से निकलकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है । यह नदियाँ छिछली और कम लंबी है । यह नदियाँ अनेक जगहों पर जलप्रपात का निर्माण करती है । बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों द्वारा डेल्टा और अरब सागर में गिरने वाली नदियों द्वारा ज्वारनदमुख(एश्चुअरी) का निर्माण होता है ।

5. प्रायद्वीपीय पठार के पूर्व एवं पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों की तुलना कीजिए ।
उत्तर - प्रायद्वीपीयपठार के पूर्व एवं पश्चिम की ओर प्रवाहित होने वाली नदियों की तुलना इस प्रकार है -
(i) प्रायद्वीपीय पठार के पूर्व की ओर बहने वाली नदियों में मुख्यतः महानदी, गोदावरी, कृष्णा एवं कावेरी है जबकि पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों में मुख्यतः नर्मदा एवं ताप्ती है ।
(ii) पूर्व की ओर बहने वाली सभी नदियाँ बंगाल की खाड़ी में गिरती है जबकि पश्चिम की ओर बहने वाली सभी नदियाँ अरब सागर में गिरती है ।
(iii) बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली सभी नदियाँ डेल्टा का निर्माण करती हैं जबकि अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ ज्वारनदमुख/एस्चुयरी का निर्माण करती हैं ।
(iv) पूर्व की ओर बहने वाली नदियों के मुहाने के निकट नदियों के गति धीमी रहती है जबकि पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों के मुहाने के निकट नदियों की गति तीव्र होती है।

6. किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए नदियाँ महत्वपूर्ण क्यों है ?
उत्तर- नदी अपवाह क्षेत्र मानवीय सभ्यता एवं संस्कृति की जननी है। भारत के आर्थिक विकास में नदियों का स्थान महत्वपूर्ण रहा है। नदियाँ आदिकाल से ही मानव जीवन गतिविधियों का साधन रहा है। नदियाँ विभिन्न सभ्यताओं और संस्कृतियों की जन्मस्थली के साथ मानव सभ्यता का पालना भी है। नदियों के जलप्रपात जल विद्युत शक्ति उत्पादन केंद्र के साथ-साथ पर्यटन के आकर्षक केंद्र भी है। प्राचीन काल में सड़क एवं वायुमार्ग के साधन के अभाव में यह परिवहन का सर्वाधिक उपयुक्त साधन था । आज यहाँ राष्ट्रीय जलमार्ग का भी विकास हो रहा है । सामरिक दृष्टि से भी नदियाँ आज उपयोगी हो गई है।
                                  नदियों के प्रभाव की वजह से ही कृषि भूमि आज 40% भूभाग जलोढ़ मिट्टी से ढंका हुआ है। जो नदी घाटी डेल्टा और तटीय प्रदेशों में फैले हुए हैं। गंगा, सिंधु, गंगा-ब्रह्मपुत्र के डेल्टा एवं मैदानी क्षेत्र में जलोढ़ की प्रचुरता है। उत्तर बिहार में कोसी, बागमती और गंडक आदि नदियाँ प्रतिवर्ष बड़ी मात्रा में जलोढ़ का निक्षेप करती है जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी हुई है।

मानचित्र कौशल 

(i) भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित नदियों को चिन्हित कीजिए तथा उनके नाम लिखिए -
गंगा, सतलुज, दामोदर, कृष्णा, नर्मदा, तापी, महानदी, दिहांग ।

(ii) बिहार भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित झीलों को चिन्हित कीजिए तथा उनके नाम लिखिए - चिल्का, सांभर, वूलर, पुलिकट तथा कोलेरू ।





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