आर्द्रता / HUMIDITY

                आर्द्रता / Humidity




आर्द्रता(Humidity) : वायुमंडल में उपस्थित अदृश्य जलवाष्प (नमी की मात्रा) को आर्द्रता कहते है।

◆वायुमंडल की आर्द्रता को विशिष्ट आर्द्रता,निरपेक्ष आर्द्रता तथा सापेक्षिक आर्द्रता के रूप में प्रकट करते है।

◆ वायु की आर्द्रता का मापन वायु के प्रति घनफुट आयतन पर ग्रेन इकाई या प्रति घन सेंटीमीटर पर ग्राम में किया जाता है।

आर्द्रता सामर्थ्य (Humidity Capacity) : -
                             किसी निश्चित तापक्रम पर वायु में निश्चित आयतन पर अधिकतम नमी धारण करने की क्षमता को आर्द्रता सामर्थ्य कहते है।

◆तापमान तथा आर्द्रता सामर्थ्य में सीधा संबंध होता है।

◆बढ़ते तापक्रम पर आर्द्रता सामर्थ्य की वृद्धि के अनुपात में भी वृद्धि होती है। इसीलिए शीतकाल की अपेक्षा ग्रीष्मकाल में तथा रात्रि की अपेक्षा दिन में वायु की आर्द्रता सामर्थ्य अधिक होती है।

निरपेक्ष आर्द्रता (Absolute Humidity) : 
                                      वायु के प्रति इकाई आयतन में विद्यमान जलवाष्प की मात्रा को निरपेक्ष आर्द्रता कहते है। इसका मात्रक ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर या ग्रेन प्रति घनफूट है।

विशिष्ट आर्द्रता (Specific Humidity) : 
                                 वायु के प्रति इकाई भार में विद्यमान जलवाष्प के भार को विशिष्ट आर्द्रता कहते है।

सापेक्षिक आर्द्रता ( Relative Humidity) : 
                                     किसी निश्चित तापक्रम पर निश्चित आयतन वाली वायु की आर्द्रता सामर्थ्य (अधिकतम नमी धारण करने की क्षमता) तथा उसमें मौजूद आर्द्रता की वास्तविक मात्रा (निरपेक्ष आर्द्रता) के अनुपात को सापेक्षिक आर्द्रता कहते है।
 
सापेक्षिक आर्द्रता 
          = निरपेक्ष आर्द्रता÷आर्द्रता सामर्थ्य X 100

◆ इसे प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है।

◆तापक्रम एवं सापेक्षिक आर्द्रता में विपरीत संबंध होता है, अर्थात तापक्रम बढ़ने पर सापेक्षिक आर्द्रता कम हो जाती है तथा घटने पर बढ़ने लगती है,जबकि सामर्थ्य में अंतर आता रहता है।

◆सापेक्षिक आर्द्रता सुबह अधिकतम तथा शाम में न्यूनतम होती है।

सापेक्षिक आर्द्रता का महत्त्व




◆ सापेक्षिक आर्द्रता का जलवायु में अधिक महत्त्व होता है। इसी की मात्रा पर वर्षा की संभावना होती है । अधिक प्रतिशत पर वर्षा की संभावना तथा कम प्रतिशत पर शुष्क मौसम की भविष्यवाणी की जाती है।

सापेक्षिक आर्द्रता से स्वास्थ्य का सीधा संबंध है। सापेक्षिक आर्द्रता अधिक या कम होने पर, दोनों स्थितियों में स्वास्थ्य की हानी होती है। यही कारण है कि अधिक सापेक्षिक आर्द्रता वाले भूमध्य रेखीय प्रदेश तथा न्यून सापेक्षिक आर्द्रता वाले उष्णकटिबंधीय मरुस्थलीय प्रदेश स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
                      
                                 वायु का कोई भी नमूना जिस तापमान पर संतृप्त हो जाए, उस तापमान को ओस बिंदु या ओसांक(Dew Point) कहते है।


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